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धान के सीजन में सरकार के सामने चहुंतरफा विरोध की चुनौती

इस बार धान के सीजन के सरकार के सामने चहुंतरफा विरोध की चुनौती खड़ी है। हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन की कॉल पर शुक्रवार से प्रदेश भर के आढ़ती हड़ताल पर जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 07:35 AM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 07:35 AM (IST)
धान के सीजन में सरकार के सामने  चहुंतरफा विरोध की चुनौती
धान के सीजन में सरकार के सामने चहुंतरफा विरोध की चुनौती

जागरण संवाददाता, कैथल: इस बार धान के सीजन के सरकार के सामने चहुंतरफा विरोध की चुनौती खड़ी है।

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हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन की कॉल पर शुक्रवार से प्रदेश भर के आढ़ती हड़ताल पर जा रहे हैं। 12 सितंबर को कैथल में प्रदेश स्तरीय बैठक में आढ़तियों ने सरकार को पांच दिन का समय दिया था। यह समय खत्म हो चुका है। एसोसिएशन के कार्यवाहक राज्य प्रधान रजनीश चौधरी ने कहा कि सरकार ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। इसके चलते हम अब पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शुक्रवार से हड़ताल पर जा रहे हैं। सभी मंडियों में आढ़ती 11 से एक बजे तक धरना भी देंगे। नई अनाज मंडी कैथल के प्रधान कृष्ण मित्तल ने बताया कि सरकार की ओर से वार्ता के लिए कोई न्योता नहीं आया है। अब वे 18 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। आढ़ती रामकुमार मित्तल का कहना है कि जब सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती वे न तो मंडियों में धान उतरने देंगे और न ही कोई गाड़ी लोड होगी। दूसरी तरफ हरियाणा प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन ने भी उनकी इस हड़ताल का समर्थन किया है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आढ़तियों से उनके खुद के हित रहेंगे। इतना ही नहीं, 20 सितंबर से किसानों ने आंदोलन तेज करने का एलान कर रखा है, जबकि मंडियों में धान पहुंचना शुरु हो गया है। राइस मिलर्स एक सितंबर से हड़ताल पर चल रहे हैं। उन्होंने इस सीजन में धान खरीद के लिए कोई पंजीकरण नहीं करवाया है, जबकि अंतिम तिथि 10 सितंबर थी।

वीरवार को चीका में अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन व राइस मिल ट्रेडर्स की एक बैठक मार्केट कमेटी कार्यालय के प्रांगण में हुई। बैठक में सरकार द्वारा लाए गए तीन अध्यादेश व आढ़तियों की पुरानी पेमेंट का भुगतान को लेकर विचार-विमर्श किया गया।

अनाज मंडी एसोसिएशन के पूर्व प्रधान जयपाल गर्ग, सुरेश प्रजापति, राजकुमार जाखौली, सतपाल जैन, राइस मिल एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष हंसराज ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए तीनों अध्यादेश किसान व व्यापारी विरोधी है। इन अध्यादेशों के माध्यम से सरकार मंडी बोर्ड को समाप्त करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाखों आढ़ती मंडियों में कमीशन एजेंट के रूप में काम कर अपना गुजारा कर रहे हैं, यदि मंडी बोर्ड समाप्त हो गया तो आढ़तियों का कारोबार भी बंद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मंडियों में लाखों मजदूर, मुनीम व दूसरे कर्मचारी काम करते हैं। मंडी समाप्त होने से ये सभी लोग भी बेरोजगार हो जाएंगे। जयपाल गर्ग व राजकुमार जाखौली ने कहा कि सरकार ने गेहूं सीजन में लस्टर लोस व ब्रोकन के नाम पर आढ़तियों का करोड़ों रुपया रोक रखा रखा है। ये पैसा ना मिलने से आढ़तियों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। आढ़तियों ने कहा कि जब तक सरकार तीनों अध्यादेशों को वापस नहीं लेती, रोका गया पैसा वापस नहीं करती व राइस मिल के लिए पुरानी पॉलिसी बहाल नहीं की जाती, तब तक आढ़ती अनाज मंडियों में ना तो धान की खरीद करेंगे और ना ही तुलाई व लदान का काम किया जाएगा। राइस मिल धान की पिराई नहीं करेंगे। मंडियों में पूर्ण रूप से हड़ताल रखी जाएगी। आढ़तियों ने किसानों से भी मंडियों में धान ना लेकर आने की अपील की है।


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