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ख्वाब तक सिमटा कपिल मुनि तीर्थ को पर्यटन हब बनाना

डॉ. राजेंद्र छाबड़ा, कलायत : श्री कृष्ण गीता उपदेश की उत्पत्ति के गवाह माने जाने वाला श्री कपिल मुनि

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Jun 2018 12:23 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jun 2018 12:23 AM (IST)
ख्वाब तक सिमटा कपिल मुनि तीर्थ को पर्यटन हब बनाना

डॉ. राजेंद्र छाबड़ा, कलायत : श्री कृष्ण गीता उपदेश की उत्पत्ति के गवाह माने जाने वाला श्री कपिल मुनि तीर्थ को पर्यटन हब बनाना अब बस ख्वाब बनकर रह गया है। क्षेत्र के लोग इस स्वप्न को तोड़ने के लिए तत्कालीन सरकारों के साथ-साथ कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और भारतीय पुरातत्व विभाग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

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क्षेत्र के लोगों को एक बार नहीं बार बार तीर्थ को पर्यटन केंद्र बनने के ख्वाब दिखाए गए। जमीनी हकीकत जबकि इससे कोसों दूर है। प्रकृति का मनोरम दृश्य कायम करने वाले प्रस्तावित दो पार्क अब तक नहीं बन पाए। न नौका विहार की व्यवस्था हुई और न ही कुरुक्षेत्र स्थित ब्रह्मसरोवर की तर्ज पर संग्रहालयों को विकसित किया गया। प्रशासन पिछले कई वर्षाें से विलुप्त हुई सरस्वती को तलाशने में भी विफल रहा।

राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार आयोजित करने के बाद भी इस मामले में अरमान अधूरे है। सरोवर के जिस भाग में कई मर्तबा सरस्वती की जल धारा फूट चुकी है, वह स्थान कूड़ा-कर्कट से अटा है। हालांकि सरस्वती अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने करीब आठ वर्ष पहले यह स्पष्ट किया था कि सरोवर से जो धारा फूट रही है, वह सरस्वती की है। सुनहरी कणों के साथ बह रहे पानी को उन्होंने तथ्यगत साक्ष्य माना था।

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वर्षाें में पूरी नहीं हुई

सरस्वती की तलाश:

भूपेंद्र ¨सह हुड्डा सरकार ने वर्ष 2011 में कैबिनेट मंत्री अजय ¨सह यादव की अनुशंसा पर सरस्वती के उद्गम स्थल को विकसित करने के लिए करोड़ों रुपये की परियोजना को हरी झंडी दी थी। सात वर्ष बीत जाने के बाद भी यह योजना सरकारी फाइलों में उलझी है। इसके साथ ही कांग्रेस सरकार में कई दूसरी अहम योजनाओं को मंजूरी दी गई। इनमें रात्रि को सरोवर जगमग रखने के लिए मास्क लाइट, शुद्ध जल के भराव व निकासी, पर्यावरण की शुद्धता के लिए दो पार्काें के साथ-साथ श्री कपिल मुनि परिसर में सत्संग भवन बनाने जैसे अहम कार्य शामिल है।

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13 वर्ष पहले सौंदर्यीकरण

का किया था शिलान्यास

रवींद्र सूर्यवंशी, नंबरदार संजय ¨सगला, मन्नू कपूर, राधेश्याम प्रजापति का कहना है कि वर्ष 2005 में सौंदर्यकरण योजना का शिलान्यास किया गया था उस कार्य को एक वर्ष समयावधि में पूरा करना था जो कि अब भी आधा अधूरा ही है। भाजपा सरकार का कार्यकाल भी घोषणाओं और दावों तक ही सिमट गया है।

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धरोहरों का विकसित करने

के लिए अभियान जारी

एसडीएम जगदीप ¨सह ने बताया कि कुरुक्षेत्र 48 कोस की परिधि में आने वाली धरोहरों को विकसित करने का अभियान छेड़ा गया है। डीसी सुनीता वर्मा श्री कपिल मुनि धाम सरोवर का मौका मुआयना कर चुकी है। धरोहर को नई पहचान देने का कार्य जारी है।


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