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दिव्यांग व बुजुर्ग वोटरों को सुविधाएं देने में प्रशासन पूरी तरह से नाकाम

जिला प्रशासन की ओर से वोटरों को हर सुविधा देने के बड़े-बड़े वादे किए गए थे। मतदान में जिला प्रशासन की ओर से कोई भी पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए थे। प्रशासन का दावा था कि इस बार हर दिव्यांग को प्रशासन के वाहनों में मतदान केंद्रों तक लेकर आएंगे लेकिन ऐसा कुछ नजर नहीं आया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 09:53 AM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 06:29 AM (IST)
दिव्यांग व बुजुर्ग वोटरों को सुविधाएं  देने में प्रशासन पूरी तरह से नाकाम
दिव्यांग व बुजुर्ग वोटरों को सुविधाएं देने में प्रशासन पूरी तरह से नाकाम

जागरण संवाददाता, कैथल : जिला प्रशासन की ओर से वोटरों को हर सुविधा देने के बड़े-बड़े वादे किए गए थे। मतदान में जिला प्रशासन की ओर से कोई भी पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए थे। प्रशासन का दावा था कि इस बार हर दिव्यांग को प्रशासन के वाहनों में मतदान केंद्रों तक लेकर आएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नजर नहीं आया।

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गांव भैणी माजरा, देवीगढ़ स्कूल बूथ, उझाना गांव, कुलतारण, आइटीआइ बूथ में कहीं भी जिला प्रशासन के वाहन या रेडक्रॉस की ओर से कोई सुविधा नहीं दिखाई दी। दिव्यांग और बुजुर्ग अपने निजी वाहनों में परिवार के साथ वोट डालने के लिए पहुंचे।

गांव उझाना में 90 साल के छतर सिंह को उसके पोते रिकू को गोद में उठाकर मतदान कराना पड़ा। देवीगढ़ के बूथ पर 103 साल के कुरडिया राम अपने बेटे दिनेश के साथ वोट डालने के लिए आया। बुजुर्ग से पूछा गया तो पता लगा उनके पास प्रशासन का कोई वाहन नहीं आया।

आइटीआइ बूथ पर दिव्यांग रमेश भी अपने बेटे के साथ बाइक पर ही वोट डालने के लिए आया। जब कुछ अन्य दिव्यांग और बुजुर्गों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके लिए कोई वाहन नहीं आया। इससे पहले तो उम्मीदवारों के वाहन आ जाते थे, लेकिन इस बार तो उनके वाहन भी नहीं आए। वोट डालने में उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ी।


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