मिड डे मिल बनाने में हो रही नियमों की अवहेलना
शहर के राजकीय प्राइमरी स्कूलों में ईंधन गैस का प्रयोग नहीं किया जाता है जिस कारण यहां पर हादसे होने का भय बना रहता है।
जागरण संवाददाता, कैथल :
सरकार के आदेशों के तहत राजकीय स्कूलों में बनाए जाने वाले मिड डे मिल में उपलों से आग न जला ईंधन गैस प्रयोग करने के निर्देश है, लेकिन शहर के राजकीय प्राइमरी स्कूलों में ईंधन गैस का प्रयोग नहीं किया जाता है, जिस कारण यहां पर हादसे होने का भय बना रहता है। दैनिक जागरण की टीम ने शुक्रवार सुबह 11:30 से लेकर दोपहर 12:30 बजे तक दो स्कूलों का दौरा कर यहां पर बन रहे मिड डे मिल बनाने की प्रक्रिया की जांच की। इन स्कूलों में उपलों से जलाई गई आग से खाना बनाया जा रहा था, जबकि सरकार की ओर से ईंधन गैस का प्रयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।
ईट के चूल्हे पर बन रहा था खाना
सुबह 11:30 बजे हुडा सेक्टर 19 में स्थित राजकीय स्कूल में पहुंचे, यहां पर स्थित रसोई में तीन कुक खाना बनाने का कार्य कर रही थीं। यहां पर ईंटों से बनाए गए चूल्हे में खाना बनाया जा रहा था। खाना बनाने में ईंधन गैस का तो प्रयोग किया जा रहा था, लेकिन यहां सिलेंडर एक छोटे से बंद कमरे में रखे गए थे। स्कूल में मिड डे मिल का खाना बनाने में बरती जा रही लापरवाही से विद्यार्थियों को काफी नुकसान हो सकता है। इस पर विभाग मौन है। बरती जा रही थी अनियमितताएं
इसके बाद दोपहर 12:10 पर हरसौला बस्ती स्थित स्कूल में पहुंचे यहां पर खाना बनाया जा चुका था, लेकिन बच्चों के लिए बनाई गई सब्जी को जलाई गई आग के चूल्हे पर रखा गया था। यहां पर मिड डे मिल में बनाए जाने वाले खाने के दौरान अनियमितताएं बरती जा रही थी। यहां पर भी अध्यापक ने सिलेंडर के खत्म होने का बहाना बनाया। अध्यापक ने कहा कि सिलेंडर सुबह की खत्म हो गया था, जिस कारण आग जलानी पड़ी। मामले की जांच करवाई जाएगी
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी शमशेर सिंह सिरोही ने बताया कि ईंधन जलाकर लकड़ियों से आग जलाकर खाना बनाने की जानकारी उन्हें नहीं है, यदि ऐसा होगा तो उसकी जांच करवाई जाएगी।