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पंचायती जमीन वाले गांव की पहचान करने में जुटा विभाग

जागरण संवाददाता, कैथल : जिला को बेसहारा पशुओं से मुक्त करने के लिए प्रशासन की और से सभ

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Mar 2017 12:18 AM (IST)Updated: Fri, 10 Mar 2017 12:18 AM (IST)
पंचायती जमीन वाले गांव की पहचान करने में जुटा विभाग
पंचायती जमीन वाले गांव की पहचान करने में जुटा विभाग

जागरण संवाददाता, कैथल : जिला को बेसहारा पशुओं से मुक्त करने के लिए प्रशासन की और से सभी धार्मिक, सामाजिक व व्यापारिक संगठनों के सहयोग से विशेष कदम उठाए जाएंगे। जिला की ग्राम पंचायतों जहां पंचायती जमीन उपलब्ध है, ऐसे गांव की गोशाला खोलने के लिए पहचान की जाएगी। इस कार्य के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।

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जिला उपायुक्त संजय जून ने लघु सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में नगर परिषद, नगर पालिका, विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा पशुओं की समस्या से निजात पाने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में और गोशालाएं व नंदीशालाएं खोलने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्य में नगर परिषद, नगर पालिका व पशुपालन विभाग विशेष कार्य योजना तैयार करके विभिन्न क्षेत्रों में पहले से खुली हुई गोशालाओं में और पशुओं को लाने तथा नई गोशाला खोलने की योजना पर काम किया जाएगा। इस कार्य के लिए धार्मिक, सामाजिक व व्यापारिक संगठनों की बैठक बुलाई जाएगी। इन व्यापारिक संगठनों व रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों द्वारा आवारा पशुओं को रखने की व्यवस्था पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि इस कार्य में सबसे पहले गुहला उपमंडल को आवारा पशुओं से मुक्त किया जाएगा, जिसके लिए आठ एकड़ भूमि में गोशाला बनाई जाएगी। इसके बाद समस्त जिला को इस योजना के तहत लाया जाएगा।

कर्मचारियों को देंगे प्रशिक्षण

इस बैठक में नगर परिषद व नगर पालिका के अधिकारियों ने कहा कि आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए परिषद के कर्मचारियों को पहले पशुपालन विभाग की तरफ से विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण के बाद कर्मचारियों को आवारा पशुओं को पकड़कर गोशाला तक पहुंचाने में कोई परेशानी नही आएगी। जिला में अभी तक 14 पंजीकृत तथा दो गैर पंजीकृत गोशालाएं कार्यरत हैं। इन सभी गोशालाओं की क्षमता को बढ़ाकर और अधिक पशुओं को इन गोशालाओं में रखा जाएगा।

अतिरिक्त उपायुक्त कैप्टन शक्ति ¨सह ने आवारा पशुओं की समस्या से निजात पाने के साथ-साथ जिला को खुले में शौचमुक्त करने की दिशा में विशेष कदम उठाए जा रहे हैं।

पर्याप्त जमीन वाली पंचायतों से आह्वान

डीसी जून ने कहा कि जिन ग्राम पंचायतों के पास गोशाला के लिए पर्याप्त जमीन है, उन गोशालाओं को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत काम करवाया जाएगा। जिला में विभिन्न नगरों में नगर परिषद व नगर पालिकाओं द्वारा सामूहिक शौचालयों के निर्माण पर जोर दिया जाएगा। बैठक में कलायत के एसडीएम ओमप्रकाश, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी डॉ. जितेंद्र अहलावत, मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी प्रतीक हरीश, राजकुमार शर्मा व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।


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