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लोगों को नलकूपों से सप्लाई देने की कवायद में जन स्वास्थ्य विभाग

कस्बे में 32 एकड़ में विस्तार के लिए जन स्वास्थ्य विभाग की नहरी पेयजल योजना लोगों की प्यास बुझाने की बजाए खुद प्यासी है। योजना के तहत निर्मित चार जल भंडारण टैंकों में मांग के अनुरूप पानी उपलब्ध नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 06:03 AM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 06:03 AM (IST)
लोगों को नलकूपों से सप्लाई देने की  कवायद में जन स्वास्थ्य विभाग
लोगों को नलकूपों से सप्लाई देने की कवायद में जन स्वास्थ्य विभाग

संवाद सहयोगी, कलायत : कस्बे में 32 एकड़ में विस्तार के लिए जन स्वास्थ्य विभाग की नहरी पेयजल योजना लोगों की प्यास बुझाने की बजाए खुद प्यासी है। योजना के तहत निर्मित चार जल भंडारण टैंकों में मांग के अनुरूप पानी उपलब्ध नहीं है।

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ऐसे में जन स्वास्थ्य विभाग नलकूप लगाकर लोगों की प्यास बुझाने की कवायद में लगा है। कलायत में पेयजल संकट के निराकरण के लिए वर्ष 2009 में नहरी पेयजल योजना की शुरूआत हुई थी। इसके तहत दो जल भंडारण टैंकों का निर्माण किया गया था। करीब तीन वर्ष के अंतराल में पानी की बढ़ती मांग को देखते हुए पहले टैंकों की तुलना में कहीं ज्यादा विस्तृत दो टैंकों का निर्माण किया गया। कलायत की आबादी करीब 21 हजार है। प्रतिदिन 32 लाख 55 हजार लीटर पानी की सप्लाई नगर को चाहिए।

एक मिनट में होती है 4500 लीटर पानी की सप्लाई

जन स्वास्थ्य विभाग की नहरी पेयजल योजना से पानी सप्लाई की क्षमता प्रति मिनट 4500 लीटर है। इस मायने से एक घंटे में दो लाख 70 हजार और 14 घंटे में 37 लाख 80 लीटर पानी सप्लाई हो रहा है। बावजूद इसके लोग पेयजल संकट की शिकायतें विभिन्न माध्यमों से सरकार और प्रशासन से कर रहे हैं। जल बर्बादी के सबसे बड़े कारण खुले चलते नल, रिसाव, अवैध पेयजल कनेक्शन, बागवानी, पशुओं के नहलाने, छिड़काव और अन्य कार्यों में इस्तेमाल को माना जा रहा है।

लोगों तक स्वच्छ जल पहुंचाने की जरूरत

जन स्वास्थ्य विभाग कैथल अधीक्षक अभियंता एके खंडूजा ने बताया कि विभाग का लक्ष्य हर घर तक जरूरत अनुसार स्वच्छ जल पहुंचाना है। इसके लिए वर्ष 2040 की पेयजल जरूरतों को देखते हुए आधुनिक तकनीक से नहरी पेयजल योजना को कलायत में विकसित किया गया है। सभी को जरूरत के अनुसार इस्तेमाल करना चाहिए।


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