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एनएच के लिए अधिकृत जमीन की मुआवजा राशि नहीं मिलने पर किया प्रदर्शन

हिसार-चंडीगढ़ 152 नेशनल हाइवे के लिए अधिग्रहण की गई जमीन का साढ़े चार वर्ष बीत जाने के बाद भी जमीन का क्षतिपू‌र््ित मुआवजा नहीं मिलने पर कलायत व आस-पास के गांवों के लोगों में रोष है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 09:26 AM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 09:26 AM (IST)
एनएच के लिए अधिकृत जमीन की मुआवजा  राशि नहीं मिलने पर किया प्रदर्शन
एनएच के लिए अधिकृत जमीन की मुआवजा राशि नहीं मिलने पर किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, कलायत:

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हिसार-चंडीगढ़ 152 नेशनल हाइवे के लिए अधिग्रहण की गई जमीन का साढ़े चार वर्ष बीत जाने के बाद भी जमीन का क्षतिपू‌र््ित मुआवजा नहीं मिलने पर कलायत व आस-पास के गांवों के लोगों में रोष है। मुढ़ाढ़ गोशाला अध्यक्ष योगेश गर्ग, रामभज, विनोद कुमार, सोहन लाल, भूषण, राजेंद्र और दूसरे किसानों ने बताया कि वर्ष 2015 में सरकार द्वारा कलायत मुढ़ाढ़ गौशाला की करीब 10 एकड़ के साथ-साथ आस-पास के तीन गांवों शिमला, खरक और पिजूपुरा के किसानों की सैकड़ों एकड़ भूमि अधिकृत की गई थी। वर्ष 2015 में प्रति एकड़ करीब 30 लाख रुपये सरकार द्वारा तय की गई थी। इसके अलावा क्षतिपूर्ति मुआवजा 30 प्रतिशत व ब्याज को मिलाकर करीब 45 लाख 27 हजार रुपये किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से वितरित किए गए थे। राशि कम मिलने पर उस समय किसानों द्वारा सरकार से अधिक मुआवजा राशि दिए जाने की मांग की थी और एडीसी कैथल को मुआवजा राशि बढ़ाने बारे लोगों ने गुहार लगाई गई थी। कैथल एडीसी ने जून 2019 में क्षतिपूर्ति मुआवजा 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है। क्षतिपूर्ति मुआवजे के लगभग 21 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से किसानों को वितरित किए जाने है। लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी लोगों को मुआवजा नहीं मिल पाया है। उन्होंने प्रदेश मुख्यमंत्री से मुआवजे राशि में देरी कर रहे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जिला राजस्व अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि क्षतिपूर्ति मुआवजा प्राप्त करने वाले मुआवजा धारकों की विभाग द्वारा सूची तैयार कर 14 अक्टूबर को प्रोजेक्ट डायरेक्टर हिसार को मुआवजा डिमांड भेज दी गई थी। विभाग की तरफ से कोई ढील नहीं है। मंजूरी मिलते ही मुआवजा धारकों के खातों में मुआवजा राशि डाल दी जाएगी।


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