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फसल अवशेषों में आग लगाने वालों पर होगी कार्रवाई : डीसी

डीसी सुजान सिंह ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए रेड और ऑरेंज जोन में आने वाले सभी गांवों में सीएचसी (कस्टम हायरिग सेंटर) स्थापित करना सुनिश्चित करें।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 06:39 AM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 06:39 AM (IST)
फसल अवशेषों में आग लगाने वालों पर होगी कार्रवाई : डीसी
फसल अवशेषों में आग लगाने वालों पर होगी कार्रवाई : डीसी

जागरण संवाददाता, कैथल: डीसी सुजान सिंह ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए रेड और ऑरेंज जोन में आने वाले सभी गांवों में सीएचसी (कस्टम हायरिग सेंटर) स्थापित करना सुनिश्चित करें।

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इसके अलावा सभी पंचायतें पराली के भंडारण के लिए अलग से पंचायती जमीन आरक्षित रखें। फसल अवशेषों में आग लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाए।

वे लघु सचिवालय स्थित वीडियो कान्फ्रेंस के बाद कृषि विभाग के अधिकारियों, एफपीओ, प्रगतिशील किसानों के साथ विस्तार से चर्चा कर रहे थे। इससे पहले मुख्य सचिव केसनी आनंद अरोड़ा वीसी के माध्यम से सभी उपायुक्तों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में आवश्यक निर्देश दे रही थीं।

डीसी सुजान सिंह कहा कि कृषि विभाग इस वर्ष का लक्ष्य निर्धारित करके पराली की जीरो बर्निंग करें। धान की कटाई का सीजन शुरू होने वाला है, इससे पहले प्रत्येक जिले में पराली नहीं जलाने को लेकर एक कार्य योजना तैयार की जाए।

इसके तहत गांव-गांव पहुंचकर किसानों को जागरूक किया जाए और इस बुराई को रोकने के लिए सामाजिक आंदोलन का रूप दें। सभी उपमंडलाधीशों को उनके क्षेत्रों में निगरानी रखने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। वहीं ब्लॉक स्तर पर एसएचओ भी आग लगाने वाले लोगों पर निगरानी रखेंगे।

किसानों की जागरूकता के लिए गांव-गांव में पंचायतों के सहयोग से शिविर लगाए जाएं, जिसमें कृषि अधिकारियों के अलावा जन प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। इसके अलावा ब्लॉक व जिला मुख्यालय पर भी ऐसे शिविरों का आयोजन किया जाए जिसमें संबंधित उच्चाधिकारी अधिकारी भाग लें और किसानों को पराली न जलाने बारे जागरूक करें।

उन्होंने बताया कि बेलर का प्रयोग करने वाले लघु एवं सीमांत किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि भी कृषि विभाग द्वारा दी जाएगी। जिला में इस समय 269 कस्टम हायरिग सेंटर चल रहे हैं, जिनमें से गुहला खंड में 22, सीवन में 46, कैथल में 65, ढांड में नौ, पूंडरी में 23, राजौंद में 28 और कलायत में 16 शामिल हैं।

इस मौके पर कृषि उपनिदेशक डॉ. कर्मचंद, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी जसविद्र सिंह, जिला राजस्व अधिकारी सुरेश कुमार, सहायक कृषि अभियंता पुरूषोत्तम सिंह, किसान गुरपाल, संजीव, विरेंद्र व रविद्र मौजूद रहे।


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