डीसी ने घग्गर नदी में जा रहे गंदे पानी को रोकने के दिए निर्देश
डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि घग्गर नदी को साफ रखने के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा जारी की गई हिदायतों के अनुसार कार्य करें।
जागरण संवाददाता, कैथल :
डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि घग्गर नदी को साफ रखने के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा जारी की गई हिदायतों के अनुसार कार्य करें। जिस भी गांव से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से गंदा पानी घग्गर नदी में जाता है, उसे रोकने के लिए तैयार की गई योजना को जल्द लागू किया जाए, ताकि घग्गर नदी में जाने वाले गंदे पानी को रोका जा सके।
डॉ. प्रियंका सोनी लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेस हॉल में अधिकारियों की बैठक में संबोधित कर रही थी। निर्देश दिए कि सभी संबंधित विभाग दौरा करके यह सुनिश्चित करें कि घग्गर नदी में सीवरेज का गंदा पानी नही जाना चाहिए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से शोधित किया गया पानी ही घग्गर नदी में जाएं तथा उस पानी के सैंपल लेना भी सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य विभाग इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर करें। नगर पालिकाओं के अधीन पड़ने वाले क्षेत्रों के नालों पर जाली लगी होनी चाहिए, ताकि सीवरेज ब्लाक न हो। जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही पेयजल आपूर्ति एवं भूमिगत जल के सैंपल एकत्रित करवाकर निरंतर जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि गांव सिहाली, पपराला, कसौली, मैंगड़ा, लालपुर, बुबकपुर, नंदगढ़, छन्नाजाटान, कुतुबपुर, सिरटा, मानस, सैर, ककहेड़ी गांव के गंदे पानी को घग्गर में जाने से रोकने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है।
बाक्स- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
के अधिकारियों को दिए निर्देश
उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे इस सूची में ऐसे दो गांवों को सूची से हटवाएं, जो जिला कैथल में शामिल नही हैं। शेष गांवों में से गंदे पानी को साफ करने के लिए विभिन्न प्रबंध किए जाएं। घग्गर नदी के बारे में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा जारी हिदायतों की समीक्षा के लिए समय-समय पर बैठक आयोजित की जाएगी।
बाक्स- सफाई व्यवस्था दुरुस्त करें
नगर परिषद व नगर पालिकाओं के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था दुरूस्त होनी चाहिए। निर्धारित जगह पर गंदगी को डालकर उसमें से ठोस व तरल कचरे को अलग-अलग किया जाए। शेड का निर्माण करके अलग-अलग कचरे के लिए जगह निर्धारित की जाए। शहरों व गांवों में कुड़ा डालने के लिए डस्टबीन रखवाने की समुचित व्यवस्था हो।
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