डीसी ने की मिडे-डे-मील योजना की समीक्षा बैठक
डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने मिड-डे-मील योजना की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस योजना के तहत प्राप्त होने वाले अनाज व आटा का सही भंडारण सुनिश्चित करें।
जागरण संवाददाता, कैथल : डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने मिड-डे-मील योजना की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस योजना के तहत प्राप्त होने वाले अनाज व आटा का सही भंडारण सुनिश्चित करें। खाना पकाने में चूल्हे के स्थान पर गैस का प्रयोग किया जाए तथा सब्जी बनाने हेतू प्रयोग की जा रहे कूकर की गुणवत्ता की जांच की जाए। जिला के 30 स्कूलों के अलावा अन्य 30 स्कूलों में किचन गार्डन शुरू किया जाए तथा मिड-डे-मील योजना के तहत इस गार्डन से ताजी सब्जी प्रयोग की जाए। डीसी डॉ. प्रियंका सोनी लघु सचिवालय स्थित कार्यालय में मिड-डे-मील योजना के विकास की समीक्षा कर रही थी। उन्होंने कहा कि मिड-डे-मील योजना के तहत स्कूलों को प्राप्त अनाज व आटे का सही भ्डारण किया जाए ताकि बच्चों को पौष्टिक आहार मिल सके। बाक्स-
डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि मिड-डे-मील योजना के तहत सप्ताह में तीन दिन विद्यार्थियों को दूध देने का प्रावधान है। इस योजना के प्रभारी यह सुनिश्चित करें कि बच्चों को पूरी तरह उबालकर एवं मिक्स करके पूरी मात्रा में दूध दें। उन्होंने कहा कि मिड-डे-मील योजना के प्रभारी को रोजाना खाना प्राप्त कर रहे बच्चों की संख्या के बारे में एसएमएस मुख्यालय को भेजना होता है। अब तक जिला के 65 प्रतिशत स्कूलों द्वारा यह एसएमएस भेजा जा रहा है, जिसे बढ़ाकर शत प्रतिशत किया जाए। योजना के तहत प्रथम कक्षा से 8वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को सरकारी विद्यालयों में दोपहर का पौष्टिक भोजन दिया जाता है। जिला में 595 विद्यालयों के लगभग 65 विद्यार्थियों को प्रतिदिन दोपहर का भोजन दिया जा रहा है। इसमें से 372 प्राथमिक विद्यालयों के 37 हजार विद्यार्थी तथा 223 अपर प्राथमिक विद्यालयों के 28 हजार विद्यार्थी शामिल हैं। ------------