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जल्द ऑनलाइन होगा शहर की प्रॉपर्टी का डाटा, 70 प्रतिशत काम पूरा

शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से जल्द ही शहर की हर प्रॉपर्टी का डाटा ऑनलाइन कर दिया जाएगा। याशी कंसलटेंसी की ओर से प्रॉपर्टी को लेकर सर्वे किया गया था। इससे पहले साल 2010-11 में सर्वे हुआ था जिसके अनुसार शहर में करीब 65 हजार प्रॉपर्टी थी। अब नया सर्वे हुआ है जिसमें 74 हजार प्रॉपर्टी सामने आई हैं। सर्वे पूरा होने के बाद हर प्रॉपर्टी की दोबारा से वेरिफिकेशन की गई थी। अब करीब 70 प्रतिशत वेरिफिकेशन का काम पूरा हो चुका है। इसकी सूचना भी विभाग को भेज दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 06:38 AM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 06:38 AM (IST)
जल्द ऑनलाइन होगा शहर की प्रॉपर्टी  का डाटा, 70 प्रतिशत काम पूरा
जल्द ऑनलाइन होगा शहर की प्रॉपर्टी का डाटा, 70 प्रतिशत काम पूरा

जागरण संवाददाता, कैथल : शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से जल्द ही शहर की हर प्रॉपर्टी का डाटा ऑनलाइन कर दिया जाएगा। याशी कंसलटेंसी की ओर से प्रॉपर्टी को लेकर सर्वे किया गया था।

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इससे पहले साल 2010-11 में सर्वे हुआ था, जिसके अनुसार शहर में करीब 65 हजार प्रॉपर्टी थी। अब नया सर्वे हुआ है, जिसमें 74 हजार प्रॉपर्टी सामने आई हैं। सर्वे पूरा होने के बाद हर प्रॉपर्टी की दोबारा से वेरिफिकेशन की गई थी। अब करीब 70 प्रतिशत वेरिफिकेशन का काम पूरा हो चुका है। इसकी सूचना भी विभाग को भेज दी गई है।

जल्द ही रिकॉर्ड ऑनलाइन हो जाएगा, जिससे शहर के लोग ऑनलाइन अपने फोन से ही प्रॉपर्टी टैक्स भर सकेंगे। इससे नप कार्यालय के बार-बार चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब शहर के लोगों से प्रॉपर्टी पर आपत्ति मांगी जाएगी। शहर के लोग निर्धारित समय में नप कार्यालय आकर अपनी प्रॉपर्टी का डाटा चेक कर सकते हैं। उसके बाद विभाग की ओर से एक पोर्टल बनाया जाएगा, जिस पर डाटा ऑनलाइन हो जाएगा। लोगों के पास फोन पर ही बिल के मैसेज आएंगे।

बॉक्स : कई सालों से नहीं बांटे जा रहे बिल

नगर परिषद की ओर से करीब पांच सालों से बकाया प्रॉपर्टी टैक्स मालिकों को बिल नहीं बांटे जा रहे हैं। हालांकि कुछ विभागों और निजी प्रॉपर्टी मालिकों को नोटिस जरूर दिए जाते हैं। इसके अलावा नप की ओर से साल में हर प्रॉपर्टी मालिक को बिल भेजा जाता था, जो अब नहीं भेजा जा रहा है।

यही कारण है कि नप का करीब दस करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। कुछ महीने पहले ही सरकार की ओर से जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए नगर परिषद से टैक्स संबंधी एनओसी लेनी अनिवार्य की गई है। अब लोग स्वयं ही टैक्स जमा करवाने के लिए आ रहे हैं।

बॉक्स: निर्धारित किए गए हैं टैक्स के रेट

नप की ओर से खाली और बने हुए भवनों के लिए अलग-अलग रेट तय किए हुए हैं। खाली प्लाट या मकान का 300 वर्ग गज तक के प्लाट के लिए 50 पैसे प्रति गज, 301 से 500 गज तक के प्लाट के लिए दो रुपये प्रति गज, 501 से 1000 तक के प्लाट के लिए तीन रुपये प्रति गज, 1001 से दो एकड़ तक तीन रुपये 50 पैसे प्रति गज देने होते हैं। कॉमर्शियल में 50 वर्ग गज तक 12 रुपये प्रति गज, 51 से 100 तक 18 रुपये प्रति गज, 101 से 500 तक 24 रुपये प्रति गज, 501 से 1000 तक 30 रुपये प्रति गज टैक्स देना होता है।

पोर्टल पर डाटा होगा ऑनलाइन

नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी बलबीर सिंह ने बताया कि शहर की प्रॉपर्टी का डाटा ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहले लोगों से प्रॉपर्टी को लेकर आपत्ति मांगी जाएगी और उसके बाद विभाग की ओर से बनाए गए पोर्टल पर डाटा ऑनलाइन हो जाएगा। शहर में नए सर्वे के अनुसार करीब 74 हजार प्रॉपर्टी हैं।


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