पार्षदों की लड़ाई ने रोका शहर का विकास, साढ़े 10 करोड़ के टेंडर अटके
नगर परिषद के पार्षदों व अधिकारियों की आपसी खींचतान शहर के विकास पर भारी पड़ रही है। कुछ दिन पहले ही साढ़े तीन करोड़ रुपये के विकास कार्यों के रिकॉल किए गए टेंडर रद किए गए थे। अब पांच सितंबर को साढ़े दस करोड़ रुपये के टेंडर खोले जाने थे लेकिन उन्हें नहीं खोला जा रहा है।
जागरण संवाददाता, कैथल : नगर परिषद के पार्षदों व अधिकारियों की आपसी खींचतान शहर के विकास पर भारी पड़ रही है। कुछ दिन पहले ही साढ़े तीन करोड़ रुपये के विकास कार्यों के रिकॉल किए गए टेंडर रद किए गए थे। अब पांच सितंबर को साढ़े दस करोड़ रुपये के टेंडर खोले जाने थे लेकिन उन्हें नहीं खोला जा रहा है।
31 में से 20 वार्डों में टेंडर लगाए गए थे। दो दिन पहले हुई हाउस की बैठक में इस बात पर पार्षदों ने एतराज जताया था कि एक्सईएन अपने डोंगल से टेंडर नहीं लगा सकते। पालिका अभियंता को ही टेंडर लगाने व खोलने का अधिकार है। 19 अगस्त को टेंडर लगाए गए थे और 29 अगस्त को टेंडर खोले जाने थे। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण टेंडर नहीं खुल सके और टेंडर खोलने के लिए पांच सितंबर की तारीख रख दी गई थी। इसी महीने विधानसभा चुनावों को लेकर आचार संहिता लगने वाली है। ऐसे में शहर का विकास पूरी तरह से रुक सकता है। कांग्रेस व भाजपा समर्थित पार्षदों की गुटबाजी शहर के विकास को प्रभावित कर रही है। इन टेंडरों की फाइल को अब मार्गदर्शन के लिए डीसी के पास भेजा गया है। पार्षदों की आपसी बहस के कारण विकास कार्याें के टेंडर नहीं लग पा रहे हैं और ना ही खुल पा रहे हैं। वार्डों में नई गलियों, रिपेयर, नई लाइटें, बेंच रखवाए जाने थे।
इन वार्डों के लगाए गए थे टेंडर
नगर परिषद की ओर से वार्ड एक के लिए 50 लाख रुपये, वार्ड तीन के लिए 33 लाख रुपये, वार्ड पांच के लिए 63 लाख रुपये, वार्ड छह के लिए 42 लाख रुपये, वार्ड नौ के लिए डेढ़ लाख रुपये, वार्ड 11 में 36 लाख रुपये, वार्ड 12 में 85 लाख रुपये, वार्ड 14 में 45 लाख रुपये, वार्ड 15 में 80 लाख रुपये, वार्ड 16 में 60 लाख रुपये, वार्ड 17 में 81 लाख रुपये, वार्ड 18 में 60 लाख रुपये, वार्ड 19 में 56 लाख रुपये, वार्ड 20 के लिए 63 लाख रुपये, वार्ड 22 में 30 लाख रुपये, वार्ड 24 में 27 लाख रुपये, वार्ड 25 के लिए 40 लाख रुपये, वार्ड 27 के लिए पांच लाख रुपये, वार्ड 28 के लिए 82 लाख रुपये, वार्ड 29 के लिए 93 लाख रुपये के टेंडर लगाए गए थे। डीसी से मांगा मार्गदर्शन
नगर परिषद के एक्सईएन सुरेंद्र सिंह ने बताया कि टेंडर नहीं खोले गए हैं। प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए डीसी से मार्गदर्शन मांगा गया है। डीसी के आदेश मिलने के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी। जल्द करेंगे काम
नगर परिषद की चेयरपर्सन सीमा कश्यप ने बताया कि टेंडर क्यों नहीं खोले जा रहे हैं, इस बारे में नप अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी। जल्द से जल्द टेंडर खुलवाने का प्रयास किया जाएगा ताकि शहर में विकास कार्य शुरू हो सकें। ---------