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स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध पर लगे कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर बुधवार को स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध पर लगे कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि एजेंसी द्वारा उन्हें नौकरी पर रखने के लिए पैसों की डिमांड की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 06:15 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 06:15 AM (IST)
स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध पर लगे कर्मचारियों  ने अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध पर लगे कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, कैथल : स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर बुधवार को स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध पर लगे कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि एजेंसी द्वारा उन्हें नौकरी पर रखने के लिए पैसों की डिमांड की जा रही है। प्रदर्शन की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष वीरभान कौशिक ने की। प्रदर्शन के दौरान कोविड-19 को लेकर जारी सभी हिदायतों का पालन लगातार किया गया।

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कर्मचारियों का कहना था कि आउटसोर्सिंग का ठेका ग्लोबल ग्रुप को दिया गया है, जिसके कर्मचारी तीन-चार दिन से आकर अस्पताल में लगे आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों से पैसे की मांग करते हैं। पैसे नहीं देने पर नौकरी से निकालने की धमकी दे रहे हैं।

जिलाध्यक्ष वीरभान कौशिक व आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ के प्रधान करमजीत ने जिला नागरिक अस्पताल की पीएमओ डा. रेनू चावला को एक ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में पीएमओ को ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की गई।

इस पर संज्ञान में लेते हुए पीएमओ ने ठेकेदार के प्रति किसी भी कर्मचारी को ना निकालने व पैसे ना मांगने के बारे में पत्र जारी करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि किसी को एक भी पैसा देने की जरूरत नहीं है।

कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें पिछले दो-तीन महीनों से वेतन भी नहीं मिला है। वह दिन रात इस कोविड-19 के समय में अपनी ड्यूटियां कर रहे हैं, लेकिन फिर भी ठेकेदार इन कर्मचारियों को आगे नौकरी पर रखने के लिए काफी पैसे मांग रहा है।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो 10 मई को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी काले बिल्ले लगाकर ड्यूटी करेंगे। इसके बाद 24 मई को सभी जिलों में सिविल सर्जन कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा और अपनी मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम सिविल सर्जन के माध्यम से दिया जाएगा। यदि फिर भी सरकार ने मांगे नहीं मानी तो बड़ा आंदोलन भी किया जा सकता है। इसलिए मुख्यमंत्री से अपील है की सरकारी अस्पतालों में आउटसोर्सिंग पर लगे किसी भी कर्मचारी को ना निकाला जाए।


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