दो महीने से अटका शहर में रात की सफाई का ठेका
नगर परिषद (नप) की तरफ से रात को शहर में सफाई के लिए टेंडर दिया जाता है। दो महीने पहले टेंडर को लेकर विवाद हो गया था। नप ने टेंडर प्रक्रिया रद कर दी थी जिस कारण सफाई का कार्य अटक गया है। दो महीने से काम बंद होने से ठेके पर लगे कर्मचारी भी बेरोजगार हो गए हैं। नया टेंडर लगाने के लिए सफाई कर्मचारी कई बार नप अधिकारियों से मिल चुके हैं और प्रदर्शन कर चुके हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल : नगर परिषद (नप) की तरफ से रात को शहर में सफाई के लिए टेंडर दिया जाता है। दो महीने पहले टेंडर को लेकर विवाद हो गया था। नप ने टेंडर प्रक्रिया रद कर दी थी, जिस कारण सफाई का कार्य अटक गया है। दो महीने से काम बंद होने से ठेके पर लगे कर्मचारी भी बेरोजगार हो गए हैं। नया टेंडर लगाने के लिए सफाई कर्मचारी कई बार नप अधिकारियों से मिल चुके हैं और प्रदर्शन कर चुके हैं। इस टेंडर पर महीने में करीब पांच लाख 70 हजार रुपये खर्च किए जाते हैं। चार महीने तक रात की सफाई का ठेका चला था।
ठेकेदार ने 32 कर्मचारियों को लगाया हुआ था, जबकि सफाई कर्मचारी यूनियन की मांग थी कि 65 कर्मचारियों को काम पर लगाया जाए। कर्मचारियों के विरोध करने के बाद नप ने टेंडर प्रक्रिया रद कर दी थी। उसके बाद ठेकेदार की तरफ से भी कोर्ट में अपील कर दी गई थी। कुछ दिन पहले भी सफाई कर्मचारियों ने रात की सफाई का ठेका नया लगाने की मांग पर जिला पालिका आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया था।
रात को होती थी सड़कों की सफाई
कर्मचारी रात को सात बजे से 11 बजे तक सफाई करते थे। जिस एरिया में डोर टू डोर कचरा उठाने वाले कर्मचारी नहीं जाते थे, वहां इन कर्मचारियों से काम करवाया जाता था। कर्मचारी छात्रावास रोड, खुराना रोड, नरवानियां बिल्डिंग, ढांड रोड, अंबाला रोड, करनाल रोड बाइपास, मुख्य बाजार, रेलवे गेट, पुराना बस स्टैंड के एरिया में साफ-सफाई करते थे।
मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया गया
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी बलबीर सिंह ने बताया कि रात की सफाई का कार्य दो महीने से नहीं हो रहा है। सफाई कर्मचारियों के विरोध के बाद ठेका रद कर दिया गया था। यह पूरा मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया जा चुका है। नया टेंडर लगाने को लेकर नियमानुसार कार्रवाई शुरू की जाएगी।