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कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला नहीं बना पाए जीत की हैट्रिक

कांग्रेस के दिग्गज नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला इस बार विधानसभा चुनाव में आठवीं बार मैदान में उतरे थे। वर्ष 2004 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला को हराने वाले रणदीप सिंह को इस बार अपने गढ़ कैथल में जीत नसीब नहीं हुई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 09:44 AM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 09:44 AM (IST)
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला  नहीं बना पाए जीत की हैट्रिक
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला नहीं बना पाए जीत की हैट्रिक

जागरण संवाददाता, कैथल :

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कांग्रेस के दिग्गज नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला इस बार विधानसभा चुनाव में आठवीं बार मैदान में उतरे थे। वर्ष 2004 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला को हराने वाले रणदीप सिंह को इस बार अपने गढ़ कैथल में जीत नसीब नहीं हुई। भाजपा ने सुरजेवाला को हराने के लिए इस बार पूर्व विधायक लीला राम को मैदान में उतारा था, जो सही साबित हुआ। लीला राम इस हलके से तीसरी बार चुनाव मैदान में उतरे थे। 2000 के चुनाव में वे इनेलो की टिकट पर यहां से विधायक बने थे।

भाजपा को मई माह में हुए लोकसभा चुनाव में मिली 56 हजार 180 वोटों की लीड को भी फायदा मिली थी। सुरजेवाला इस लीड को तोड़ने में असफल रहे, जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 20 हजार की बढ़त मिली थी, जिसे सुरजेवाला विधानसभा चुनाव में तोड़ने में सफल हुए थे।

रणदीप सिंह सुरजेवाला वर्ष 1995 में नरवाना विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में पहली बार उतरे थे, लेकिन इसमें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वर्ष 1996 में फिर विधानसभा चुनाव में उतरे और जीत दर्ज करने में सफल रहे। 2000 के विधानसभा चुनाव में हार गए, लेकिन 2004 के विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला को हराकर जीतने में सफल रहे।

इसके बाद यह क्षेत्र आरक्षित हो गया तो रणदीप सिंह सुरजेवाला के लिए पिता शमशेर सिंह सुरजेवाला ने कैथल सीट छोड़ दी। शमशेर सिंह 2004 में कैथल विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने थे। 2009 व 2014 के विधानभा चुनाव में रणदीप सिंह सुरजेवाला 22 हजार व साढ़े 23 हजार के अंतर से जीत दर्ज करते हुए रिकार्ड बनाने में सफल रहे। इस विधानसभा चुनाव में कड़े मुकाबले में सुरजेवाला भाजपा के लीला राम से 1246 वोटों से हार गए।


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