हफ्ते भर में ढूंढेंगे अधिकारी ड्रेनों में कहां-कितनी गंदगी
एनजीटी यानि नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल के निर्देशों को लेकर जिला पालिका आयुक्त कुलधीर सिंह ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की मीटिग ली। मीटिग में नगर परिषद और नगर पालिकाओं के अधिकारी भी शामिल रहे।
जागरण संवाददाता, कैथल : एनजीटी यानि नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल के निर्देशों को लेकर जिला पालिका आयुक्त कुलधीर सिंह ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की मीटिग ली। मीटिग में नगर परिषद और नगर पालिकाओं के अधिकारी भी शामिल रहे।
शहर से मुख्य तीन गंदे पानी की ड्रेन निकलती हैं। ग्योंग ड्रेन, मानस ड्रेन और सिल्ला खेड़ा ड्रेन। इन ड्रेनों में करीब 14 प्वाइंट ऐसे हैं, जहां से गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। कई जगहों पर सीवरेज का पानी भी डाला जा रहा है। आयुक्त ने सख्त निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह के अंदर इन ड्रेनों के प्वाइंट बंद होने चाहिए। सीवरेज का पानी शहर में बनाए गए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में ही जाएगा। शहर में जींद रोड, मानस ड्रेन और खुराना रोड़ पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए हैं। अब वहां से ट्रीटमेंट होने के बाद ही पानी को ड्रेनों में छोड़ा जा सकता है। एक सप्ताह में संबंधित विभाग उन्हें काम की रिपोर्ट देंगे। फिलहाल दूषित पानी का इस्तेमाल होने से ड्रेनों में गंदगी का आलम रहता है। प्रदूषण को खत्म करने के लिए एनजीटी की ओर से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
ये अधिकारी रहे मीटिग में मौजूद
नप कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार, नप सचिव मोहन लाल, नप एमई राजकुमार शर्मा, नपा पूंडरी एमई राजेश कुमार, इरिगेशन विभाग के एक्सईएन प्रशांत, नपा कलायत जेई मनदीप सिंह, एसडीइ कलायत सुरेंद्र, पब्लिक हेल्थ के अधिकारी मौजूद थे।
गंदे पानी की सप्लाई को बंद कराने के निर्देश
जिला पालिका आयुक्त कुलधीर सिंह ने बताया कि एनजीटी को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारियों की मीटिग ली गई थी। ड्रेनों में गंदे पानी की सप्लाई अब नहीं होगी। जहां भी हो रही है उन्हें बंद करवाने के निर्देश दिए गए हैं। एक सप्ताह में संबंधित विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।