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भीषण गर्मी में बिगड़ रही लोगों की सेहत, 200 बेडों पर 245 मरीज दाखिल

झुलसा देने वाली गर्मी में जिला नागरिक अस्पताल में ओपीडी बढ़ गई है। हालत यह है कि एक बेड पर दो तो किसी बेड पर तीन मरीजों का उपचार हो रहा है। अस्पताल में 200 बेडों के अस्पताल में 245 मरीज दाखिल हैं। जनरल वार्ड में 70 बेड लगाए गए हैं लेकिन यहां 100 मरीज दाखिल हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Jun 2019 10:35 AM (IST)Updated: Mon, 03 Jun 2019 06:29 AM (IST)
भीषण गर्मी में बिगड़ रही लोगों की सेहत, 200 बेडों पर 245 मरीज दाखिल
भीषण गर्मी में बिगड़ रही लोगों की सेहत, 200 बेडों पर 245 मरीज दाखिल

जागरण संवाददाता, कैथल : भीषण गर्मी का कहर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है। नौतपा शुरू होने के बाद तापमान 44 डिग्री के पार पहुंच गया है। झुलसा देने वाली गर्मी में जिला नागरिक अस्पताल में ओपीडी बढ़ गई है। हालत यह है कि एक बेड पर दो तो किसी बेड पर तीन मरीजों का उपचार हो रहा है। अस्पताल में 200 बेडों के अस्पताल में 245 मरीज दाखिल हैं। जनरल वार्ड में 70 बेड लगाए गए हैं, लेकिन यहां 100 मरीज दाखिल हैं। चार-पांच दिनों से दाखिल मरीजों का कहना है कि वे बीमारी से कम बदहाल व्यवस्था से ज्यादा परेशान हैं। शौचालयों में सफाई की कमी है, सुबह से पानी भी नहीं आ रहा है। रात के समय लाइट जाने के बाद हाथ वाले पंखों से हवा करते हुए गर्मी से बचाव करना पड़ रहा है। बीमारी से कम बदहाल व्यवस्था से ज्यादा परेशान

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एक बेड पर दाखिल मरीजों में बाता गांव निवासी महेंद्रो देवी पांच दिनों से दाखिल है। इसी बेड पर खानपुर गांव की सीमा दो दिनों से दाखिल है। दूसरे बेड पर ग्योंग निवासी लक्ष्मी, संगरौली निवासी प्रकाशो देवी, तीसरे बेड पर प्यौदा गांव निवासी शकुंतला चार दिनों, नौच निवासी ओमपति चार दिनों से। सीवन निवासी शीतल दो व पूजा निवासी जाखौली टाइफाइड के चलते दो दिनों से एक ही बेड पर दाखिल है। मरीजों ने बताया कि बेड न मिलने के कारण काफी दिक्कत हो रही है। मरीजों के साथ आए तीमारदार भी फर्श पर बैठने को मजबूर हो रहे हैं। रात को भी नीचे ही सोते हैं। रात के समय बिजली कट भी लगते हैं। जांच के लिए करना पड़ता है लंबा इंतजार

सिविल अस्पताल में बीमारियों की जांच को लेकर मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। 11 बजे के बाद अस्पताल की लैब में सैंपल नहीं लिया जाता। सुबह नौ बजे दिए गए सैंपल की रिपोर्ट एक से डेढ़ बजे तक मिलती है। इस कारण मरीजों को कई बार चिकित्सक भी ओपीडी में बैठे नहीं मिलते। जांच के लिए अगले दिन अस्पताल आना पड़ता है। स्टाफ व चिकित्सकों की कमी के चलते मरीजों को दो से तीन दिन पूरा इलाज कराने में लग जाता है। भीषण गर्मी के इस मौसम में उल्टी, दस्त व बुखार के मरीज ज्यादा हैं। गायिनी वार्ड में भी बेडों की कमी के चलते गर्भवती महिलाओं को परेशानी हो रही है। दो डिग्री तापमान में गिरावट

शनिवार को तापमान में दो डिग्री कम हुआ। शुक्रवार को जहां 45 डिग्री तापमान था, वहीं शनिवार को 43.4 अधिकतम व 28.0 न्यूनतम तापमान दर्ज किया। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि इस मौसम से हरा-चारा व सब्जियों की फसल प्रभावित हो रही है। भीषण गर्मी के इस मौसम में विशेष प्रबंध किए गए हैं। दो नए वाटर कूलर और लगाए जा रहे हैं। पानी की एक मोटर खराब हो गई थी, इसे ठीक करवा दिया है, अब पानी की कोई कमी नहीं रहेगी। बेड कम व मरीज ज्यादा होने के कारण कुछ परेशानियां आती हैं।

-डॉ. सुरेंद्र नैन, सिविल सर्जन नागरिक अस्पताल


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