17 हजार सैंपल अस्पताल में भिजवा चुके तकनीकी अधिकारी मुकेश कुमार
सीएचसी कलायत में तैनात मुख्य लैब तकनीकी अधिकारी मुकेश कुमार कोरोना बीमारी में कोरोना योद्धा बनकर काम कर रहे है। वे रोजाना कोरोना लिए गए सैंपलों की पैकिग करवाकर कैथल सिविल अस्पताल पहुंचा रहे है। अब तक 17 हजार सैंपल उनके द्वारा पैक कर भिजवाएं जा चुके है। इनमें से लगभग 450 कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं। सभी सैंपलों की कागज कार्रवाई की जाती है।
जागरण संवाददाता, कैथल:
सीएचसी कलायत में तैनात मुख्य लैब तकनीकी अधिकारी मुकेश कुमार कोरोना बीमारी में कोरोना योद्धा बनकर काम कर रहे है। वे रोजाना कोरोना लिए गए सैंपलों की पैकिग करवाकर कैथल सिविल अस्पताल पहुंचा रहे है। अब तक 17 हजार सैंपल उनके द्वारा पैक कर भिजवाएं जा चुके है। इनमें से लगभग 450 कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं। सभी सैंपलों की कागज कार्रवाई की जाती है। सभी का आधार कार्ड, रहने का स्थान, किस तारीख को सैंपल लिया, कब लिया इत्यादि जानकारी लैब तकनीशियन के साथ मिलकर एकत्रित कर रहे है। लैब में पीपीई किट के बिना रहते नहीं है। उनका कहना है कि कोरोना एक भयानक बीमारी है। इसमें दूसरे व्यक्ति का संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। काफी सतर्कता लैब के अंदर बरतनी पड़ती है। गर्मी बहुत बढ़ रही है इसमें किट पहनकर काम करना बड़ा मुश्किल भरा है, लेकिन उसके बाद भी मन में इच्छा रहती है कि कोरोना संक्रमित को इलाज समय पर मिले। आरटी पीसीआर टेस्ट की पैकिग करके बड़ी सावधानी से कैथल सिविल अस्पताल में भेजते है। उच्चधिकारियों से जो दिशा निर्देश मिलते है उनकी पूरी पालना की जाती है।
यह है उनकी दिनचर्या :
मुकेश कुमार ने बताया कि जब से कोरोना फैला है। सुबह सात बजे सीएचसी पर पहुंच जाते है। उसके बाद पिछले रिकॉर्ड की जांच की जाते है। पूरा रिकॉर्ड कर नौ बजे के करीब सैंपलों की रिपोर्ट तैयार करते है। दिन में तीन बार सैंपल लेते है। आसपास के गांव के कंटेनमेंट जॉन पर भी नजर बनाया रखना पड़ता है। मास्क के बिना कभी घर व ड्यूटी पर नहीं रहते है। घर पर जाने से पहले अच्छी तरह कपड़े साफ करते है। सैनिटाइजर करते है। उसके बाद घर जाकर भी स्नान करते है। घर पर भी ज्यादा से ज्यादा समय अलग कमरे में ही रहते है। ताकि परिवार का कोई सदस्य संक्रमित न हो। उनका कहना है कि कोरोना से बचने के लिए दो गज की दूरी व मास्क जरूर लगाएं। ताकि बीमारी से बचा जा सके।