पार्षदों ने गिनवाई समस्या तो अफसरों पर पड़ी फटकार
जन स्वास्थ्य विभाग के चीफ इंजीनियर केके वर्मा ने सीवरेज व पानी की समस्याओं को लेकर पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पार्षदों की मीटिग ली।
जागरण संवाददाता, कैथल : जन स्वास्थ्य विभाग के चीफ इंजीनियर केके वर्मा ने सीवरेज व पानी की समस्याओं को लेकर पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पार्षदों की मीटिग ली। इसमें पार्षदों ने अधिकारियों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली और चीफ इंजीनियर ने भी अफसरों को लताड़ लगाई। उन्होंने विभाग के एसई को यहां तक बोल दिया कि या तो आप लोग ज्यादा समझदार हो या फिर हम ही पागल हैं।
एक्सईएन के बारे में कहा कि सारा गीता का ज्ञान उन्हीं के पास है। ऐसे कुछ अधिकारियों के कारण ही लोग विभाग से परेशान हैं। विभाग से संबंधित सबसे ज्यादा समस्याएं कैथल में ही हो रही हैं। पार्षदों ने कहा कि अधिकारी डेढ़ महीने से आचार संहिता का बहाना बनाकर काम नहीं कर रहे हैं। कई-कई बार कॉल करने के बाद भी उनके फोन तक नहीं उठाए जाते। मीटिंग में शहर के पार्षदों की हर समस्या का समाधान करने के आदेश दिए गए। साथ ही अधिकारियों को कहा कि वे जनता का मालिक नहीं, नौकर बनकर काम करें। वहीं शहर के कुछ लोग भी पानी से संबंधित अपनी समस्याएं लेकर आए हुए थे।
इन वार्डो के पार्षदों ने ये रखी समस्याएं
चीफ इंजीनियर के सामने पार्षदों ने बारी-बारी अपने वार्ड की समस्याएं रखी। 31 में 15 पार्षद मीटिग में पहुंचे हुए थे। पार्षद प्रतिनिधि बलजीत रंगा ने कहा कि उनके वार्ड नंबर 12 में पूरे शहर में सबसे ज्यादा सीवरेज व्यवस्था खराब है। हर दूसरी गली में सीवर का गंदा पानी बह रहा है। बार-बार शिकायत करने के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है।
मलिक नगर में ट्यूबवेल बंद, वार्ड 28 में रात को आता पानी
पार्षद विनोद सोनी ने बताया कि उनके वार्ड नंबर दो में मलिक नगर में लगा ट्यूबवेल बंद पड़ा है। वार्ड 28 से पार्षद मोहन लाल शर्मा ने कहा कि उनके वार्ड में रात ढाई बजे पीने का पानी आता है। बार-बार शिकायत के बाद भी समय में बदलाव नहीं हो रहा है। पार्षद वेद प्रकाश ने कहा कि शेरगढ़ रोड पर दो महीनों से पानी ही नहीं आ रहा है। पार्षद कुलदीप ने कहा कि उनके वार्ड में पीने के पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है।
कर्मचारियों ने रखी वेतन की समस्या
मीटिग में भाग लेने के लिए सीवरमैन भी पहुंचे हुए थे। उन्होंने अपने वेतन से संबंधित ज्ञापन चीफ इंजीनियर को दिया। उन्होंने बताया कि पहले उन्हें साढ़े दस हजार रुपये वेतन मिलता था, लेकिन अब मात्र 9200 रुपये मिलता है और यह भी बहुत लेट मिलता है। अधिकारी ने एसई को आदेश दिए कि उनका वेतन दोबारा से साढ़े दस हजार ही दिया जाए। सीवरमैन ही जान जोखिम में डालकर काम करते हैं। इतने कम वेतन में गुजारा करना मुश्किल है।
अधिकारियों से पूछी सामान की डिमांड
उच्च अधिकारी ने मीटिग में मौजूद अधिकारियों से पूछा कि समस्याओं का समाधान करने के लिए जो भी चाहिए हो ले लो। एक महीने में समस्याएं नजर नहीं आनी चाहिए। इस पर एसडीओ प्रदीप ने कहा कि उन्हें छह या सात सीवरमैन चाहिएं। अधिकारी ने कहा कि अब 22 सीवरमैन हैं, दस और भर्ती कर लिए जाएंगे। शहर में सीवरेज, ढक्कन व जाल लगाने के लिए 25 लाख रुपये का बजट देने का वादा किया गया। सफाई के लिए दो नई मशीनों की डिमांड को पूरा किया गया। इसके अलावा शहर में ठप पड़े चार ट्यूबवेल को भी ठीक किया जाएगा। इन सभी की सूची बनाकर विभाग को भेजनी होगी, जिसे जल्द से जल्द पूरा करवा दिया जाएगा।
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विभाग के चीफ इंजीनियर केके वर्मा ने बताया कि पार्षदों की समस्याएं सुनने के लिए कैथल पहुंचे थे। मीटिग में मौजूद एसइ और एसडीओ को पार्षदों की समस्याओं का समाधान एक महीने में करने के लिए बोला गया है। ठीक से काम न करने के कारण एक्सईएन के खिलाफ चार्जशीट रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए गए हैं।
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