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केंद्र ने एलिवेटिड रेलवे ट्रैक के निर्माण को दी स्वीकृति

शहर के करनाल रोड पर एलिवेटेड ट्रैक के निर्माण की योजना है। यह प्रदेश का तीसरा एलिवेटेड ट्रैक होगा। इसके निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नवनियुक्त केंद्रीय रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव से मुलाकात की है। जिसके बाद केंद्र सरकार ने इस एलिवेटेड ट्रैक के निर्माण को हरी झंडी दिखा दी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 07:52 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 07:52 AM (IST)
केंद्र ने एलिवेटिड रेलवे ट्रैक के निर्माण को दी स्वीकृति
केंद्र ने एलिवेटिड रेलवे ट्रैक के निर्माण को दी स्वीकृति

जागरण संवाददाता, कैथल : शहर के करनाल रोड पर एलिवेटेड ट्रैक के निर्माण की योजना है। यह प्रदेश का तीसरा एलिवेटेड ट्रैक होगा। इसके निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नवनियुक्त केंद्रीय रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव से मुलाकात की है। जिसके बाद केंद्र सरकार ने इस एलिवेटेड ट्रैक के निर्माण को हरी झंडी दिखा दी है। बता दें कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने को लेकर पूर्व रेलमंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की थी। उन्होंने भी इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। मुख्यमंत्री ने नए मंत्री से भी चर्चा में इस प्रोजेक्ट का जिक्र किया। इस एलिवेटेड ट्रैक का निर्माण हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर कारपोरेशन द्वारा किया जाना है। इस निर्माण को लेकर सितंबर 2020 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य सरकार द्वारा 194 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव पारित किया था। अब केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद एलिवेटेड ट्रैक निर्माण के कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद जगी है।

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3.90 किलोमीटर लंबा होगा ट्रैक

एलिवेटेड ट्रैक 3.90 किलोमीटर लंबा होगा, जो रेलवे स्टेशन के समीप बने जींद रोड पर बने रेलवे ओवरब्रिज से 100 मीटर की दूरी के बाद गांव भैणी माजरा तक बनेगा। आरओबी से आगे ट्रैक को उठाया जाएगा, जो देवीगढ़ रोड तक आकर पूरी तरह से ऊपर उठ जाएगा, जिसके बाद यह ग्योंग से पहले गांव भैणी माजरा में खत्म होगा। इसके निर्माण के बाद तीन फाटकों पर लगने वाले जाम से निजात मिलेगी। ट्रैक के निर्माण के बाद देवीगढ़ रोड, करनाल रोड और नए बस स्टैंड के समीप स्थित फाटक खत्म हो जाएंगे।

मैंने कुछ समय पहले ही कैथल के एक्सईएन का कार्यभार संभाला है। इसको लेकर अभी अधिक जानकारी नहीं है, लेकिन इस प्रोजेक्ट को लेकर डीपीआर रिपोर्ट दो साल पहले ही बनाकर भेज दी गई थी। आगे की कार्रवाई हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर कारपोरेशन द्वारा की जानी है।

- केसी पठानिया, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी।


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