डायरिया से बचाव को लेकर सामुदायिक केंद्र राजौंद में शुरु हुआ अभियान
स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डायरिया से रोकथाम को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ सरकारी स्कूल के प्रिसिपल विरेंद्र शर्मा ने रिबन काटकर किया। राजौंद एसएमओ डा.संदीप ने बताया कि बरसात का मौसम शुरू होते ही डायरिया की बीमारी शुरू होने की संभावना बन जाती है। डायरिया से बचाव के लिए एक जुलाई से 15 जुलाई तक जागरूक अभियान चलाया जा रहा हैं।
संवाद सहयोगी, राजौंद (कैथल): स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डायरिया से रोकथाम को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ सरकारी स्कूल के प्रिसिपल विरेंद्र शर्मा ने रिबन काटकर किया। राजौंद एसएमओ डा.संदीप ने बताया कि बरसात का मौसम शुरू होते ही डायरिया की बीमारी शुरू होने की संभावना बन जाती है। डायरिया से बचाव के लिए एक जुलाई से 15 जुलाई तक जागरूक अभियान चलाया जा रहा हैं। डायरिया की रोकथाम के लिए सरकारी अस्पताल में निशुल्क इलाज किया जाता है। एसएमओ डा.संदीप ने बताया कि वैसे तो डायरिया हर उम्र के लोग के लिए नुकसानदेह होता है, लेकिन खासतौर पर छोटे बच्चों के लिए ज्यादा खतरा होता है। उन्होंने बताया कि अपने हाथों को खाना खाने से पहले अच्छी तरह से धोना चाहिए। शौच जाने के बाद, खाना पकाने से पहले व खाना पकाने के बाद अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए। पीने के पानी को ढक कर रखना चाहिए। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि डायरिया से बचाव के लिए अपने परिवार में जागरूकता फैलाएं। कलायत में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का शुभारंभ
संवाद सहयोगी, कलायत: स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक से 15 जुलाई तक चलने वाले सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का शुभारंभ उपमंडल नागरिक अस्पताल से हुआ। इसकी शुरूआत चिकित्सा अधिकारी डा.अजय कुमार द्वारा शहर के खट्टर मोहल्ला में स्थित आंगनवाड़ी केंद्र से की गई। जिसका आयोजन उप स्वास्थ्य केंद्र प्रथम की स्वास्थ्य कर्मचारी संतोष देवी, मुकेश देवी और रणदीप शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में महिलाओं व बच्चों ने भाग लिया। इस मौके पर उनके साथ स्वास्थ्य निरीक्षक सुरेश कुमार और देवी रानी भी मौजूद थे। डा.अजय कुमार ने कहा कि वर्षा के दिनों में छोटे बच्चों में दस्त की संभावनाएं बढ़ जाती है। ऐसे में दस्तों को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ओआरएस और जिक की गोलियां निशुल्क दी जाती है। दस्तक के कारण पानी की कमी हो जाती है। बच्चा बेचैन वह चिड़चिड़ी अवस्था में सुस्त या बेहोश भी हो सकता है। बच्चे की आंखें धंस जाती हैं। बच्चे को बहुत ज्यादा प्यास लगना, लेकिन पानी न पी पाना, चिकोटी काटने पर पेट के बगल की त्वचा खींचने पर धीरे-धीरे पूर्व अवस्था में आना जैसे लक्षण बेहद खतरनाक हैं। ऐसे हालात में बच्चे को फोरन नजदीकी अस्पताल में चेकअप कराना चाहिए।