निजी वाहनों में ढोये जा रहे स्कूली बच्चे, किए गए चालान
- सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एचएससीपीसीआर सदस्य ने की बसों की चे¨कग फोटो नंबर : 16
- सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एचएससीपीसीआर सदस्य ने की बसों की चे¨कग
फोटो नंबर : 16 से 19 तक
जागरण संवाददाता, कैथल : सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के बाद हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य रमनदीप कौर ने निजी स्कूल बसों की चे¨कग की। खामियां मिलने पर चार बसों और तीन निजी गाड़ियों के चालान किए गए। शहर के सबसे प्रतिष्ठित निजी स्कूलों में से एक पब्लिक स्कूल में सबसे बड़ी खामी पाई गई। यहां सात निजी वाहनों का प्रयोग छात्रों को लाने ले जाने के लिए किया जा रहा था। जिनमें से कुछ वाहन तो ऐसे थे जो पूरी तरह कंडम हो चुके थे और कुछ ऐसे थे जिनके कागज भी वाहन चालक मौके पर नहीं दे पाए। इनमें से किसी भी वाहन पर व्यवसायिक नंबर नहीं लगा था। इनमें से तीन गाड़ियों के ड्राइवर नहीं मिलने पर इनके पोस्टल चालान किए गए। यह वाहन स्कूल संचालक और वाहन मालिकों की सांठ गांठ से चल रहे थे। आयोग की सदस्य ने इन वाहनों को तुरंत स्कूल से हटाने के निर्देश देते हुए भविष्य में इनमें छात्र नहीं बिठाने के निर्देश स्कूल के ¨प्रसिपल को दिए। टीम में शामिल मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर सुरेंद्र मोर को भी इन गाड़ियों को सड़क पर नहीं चलने देने के निर्देश दिए। आयोग की सदस्य ने कहा इनमें बच्चों को लाना लेजाना खतरे से खाली नहीं है। तकनीकी रुप से भी इनमें खामियां और किसी भी वाहन में बच्चों की सुरक्षा संबंधी उपकरण नहीं मिले। उन्होंने कहा कि स्कूल के छात्र स्कूल की बस से ही आने जाने चाहिए किसी निजी वाहन से नहीं। इस अवसर पर एडवोकेट अभिषेक गोयल, शिक्षा विभाग से अमृत लाल, ट्रैफिक पुलिस टीम के सदस्य दुर्गादास, बाल कल्याण समिति के सदस्य रितु ¨सगला, पूजा, जिला बाल संरक्षण कार्यालय से सोनू शर्मा मौजूद थे।
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इन स्कूलों की बसों में भी मिली खामियां
आयोग की सदस्य सबसे पहले टीम के साथ जाट शाइ¨नग स्टार स्कूल में पहुंची यहां तीन बसों के अंदर फायर यंत्र नहीं मिले। बसों के अंदर हाइड्रॉलिक दरवाजा नहीं लगे हुए थे और एक बस का इमरजेंसी दरवाजा भी नहीं खुला। इनको तुरंत दुरस्त करवाने के निर्देश स्कूल संचालक को दिए गए। इसके बाद टीम राधा कृष्ण स्कूल में पहुंची यहां बसों के अंदर काफी खामियां मिली। बसों के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे चालू हालत में नहीं थे, किसी भी बस के ड्राइवर-कंडक्टर ने ड्रेस नहीं डाली थी, फायर यंत्र खराब पड़े थे, अतिरिक्त सीटें सभी बसों में पाई गई। लेडीज कंडक्टर भी किसी भी बस में नहीं मिली। सदस्य ने चेतावनी दी कि द्वारा जांच करने पर भी यह कमियां पाई गई तो इन बसों को सड़कों पर नहीं चलने दिया जाएगा। इसके बाद टीम गांव कुतबपुर स्थित सनराइज स्कूल पहुंची। यहां बसें नॉन पार्किंग एरिया में स्कूल के बाहर खड़ी मिली। चार बसों के चालान किए गए और एक बस की प्रदूषण स्लिप नहीं थी, जिसका चालान किया गया। इसके बाद टीम डीएवी स्कूल पहुंची। यहां सबकुछ ठीक पाया गया।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद की गई छापेमारी
आयोग की सदस्य रमनदीप कौर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि सभी स्कूलों की बसों की चे¨कग करते हुए एक परफॉर्मा भरवाया जाए। परफॉर्मा में 55 कॉलम दिए गए हैं, जिनको स्कूल संचालकों अपने स्कूलों की बसों में कितने मानकों को पूरा करते हैं। इसकी जानकारी देनी है। इसके साथ ही एक हलफनामा भी देना है, जिसमें इसका ब्यौरा भी शामिल होगा।