घायल बिंट्टू ने पीजीआइ में मौत को हराया घर लौटते ही फंदे लगाकर की आत्महत्या
जाखौली गांव निवासी 25 वर्षीय युवक बिट्टू की फांसी के फंदे पर झूलकर आत्महत्या का मामला बेहद दुखद कहानी है। गांव के ही दोस्त उसके दुश्मन बन गए। अपने एक दोस्त को बाइक बेचना उसे महंगा पड़ गया। पैसे मांगे तो झगड़ा हो गया जिसमें बिट्टू को ज्यादा चोटें लग गई। वह पीजीआइ में जिदगी और मौत के बीच झूल रहा था। इधर पुलिस ने उसके ही खिलाफ केस दर्ज कर लिया। घर आया तो बिट्टू को इसका पता चला। आहत होकर उसने आत्महत्या कर ली।
संवाद सहयोगी, राजौंद, (कैथल): जाखौली गांव निवासी 25 वर्षीय युवक बिट्टू की फांसी के फंदे पर झूलकर आत्महत्या का मामला बेहद दुखद कहानी है। गांव के ही दोस्त उसके दुश्मन बन गए। अपने एक दोस्त को बाइक बेचना उसे महंगा पड़ गया। पैसे मांगे तो झगड़ा हो गया, जिसमें बिट्टू को ज्यादा चोटें लग गई। वह पीजीआइ में जिदगी और मौत के बीच झूल रहा था। इधर पुलिस ने उसके ही खिलाफ केस दर्ज कर लिया। घर आया तो बिट्टू को इसका पता चला। आहत होकर उसने आत्महत्या कर ली।
इसके चलते मामले को लेकर पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। बिट्टू ने मरने से पहले जो सुसाइड नोट लिखा उसमें पुलिस की लापरवाही को उजागर किया है। सुसाइड नोट में लिखा कि जिन सात युवकों ने उस पर हमला किया, उन युवकों के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि उसे ही प्रताड़ित करते रहे। स्वजनों ने बताया कि बिट्टू को इतना प्रताड़ित किया गया की उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
हमलावरों द्वारा की गई मारपीट के कारण युवक कई दिनों तक पीजीआइ में दाखिल रहा। जब वापस लौटकर आया तो पुलिस ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। इस कारण मानसिक रूप से परेशान रहने लगा। युवक की मौत से परिवार सदमे में हैं। स्वजनों का कहना है कि डीएसपी के आश्वासन पर उन्होंने जाम तो खोल दिया। अगर इसके बावजूद पुलिस ने उनकी सुनवाई नहीं की तो दोबारा से आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।
घर का इकलौता चिराग था बिट्टू
24 वर्षीय बिट्टू घर का इकलौता चिराग था। पिता के साथ खेत में हाथ बंटाता था। दो बहनों का इकलौता भाई ने जो कदम उठाया उसे लेकर परिवार सदमे में हैं। ग्रामीण और रिश्तेदार परिवार को सांत्वना देने में लगे हुए हैं।
मोटरसाइकिल बेचने के बाद हुआ झगड़ा
बिट्टू के चाचा मनबीर ने बताया पहले बिट्टू इन लोगों के साथ ही उठता-बैठता था। सितंबर माह में बिट्टू ने इन सात युवकों में से ही एक युवक को मोटरसाइकिल बेची थी। कुछ पैसों का लेन-देन रह गया था, जिसे लेकर बिट्टू की इनके साथ कहासुनी हुई। इसके बाद एक दिन बिट्टू गांव की नहर के पास जा रहा था तो इन युवकों ने मिलकर बिट्टू पर हमला कर दिया। इस हमले में बिट्टू को काफी चोट आई और चिकित्सकों ने उसे पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर कर दिया। इस मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दी गई थी। स्वजनों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। इस कारण मजबूरन बिट्टू ने यह कदम उठाना पड़ा।
दो घंटे तक जाम लगने के कारण बदले वाहनों के रूट
असंध-कैथल मार्ग पर दो घंटे तक शव रखकर स्वजनों ने जाम लगाए रखा। इस कारण वाहन चालकों को काफी दिक्कत आई। पुलिस प्रशासन ने वाहनों के रूट बदले। सूचना मिलने के बाद डीएसपी दलीप सिंह ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाते हुए जाम खुलवाया। उन्होंने आश्वासन दिया की इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। जांच में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आत्महत्या के लिए मजबूरन करने पर केस दर्ज : एसएचओ
तितरम थाना पुलिस एसएचओ राजकुमार ने बताया कि मोटरसाइकिल बेचने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। इस मामले में पुलिस ने बिट्टू की शिकायत पर केस दर्ज करते हुए जाखौली गांव के सुनील उर्फ मनी, प्रदीप कुमार, राकेश उर्फ छोटा, ज्ञयाशु को गिरफ्तार कर लिया था। 22 अक्टूबर से ये जेल में बंद हैं। अब सुसाइड नोट में जिन सात लोगों पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है, उन सभी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले को लेकर पुलिस जांच कर रही है। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।