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भाकिसं ने की धान घोटाले के आरोपित पूर्व डीएम की गिरफ्तारी की मांग

हैफेड में करीब 16 करोड़ रुपये के धान घोटाले के आरोपित पूर्व डीएम की गिरफ्तारी को लेकर भारतीय किसान संघ(भाकिसं) की जिला स्तरीय बैठक हनुमान वाटिका में हुई। भाकिसं के पदाधिकारी डीसी डॉ. प्रियंका सोनी से भी मिले। गरण संवाददाता कैथल हैफेड में करीब 16 करोड़ रुपये के धान घोटाले के आरोपित पूर्व

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 10:41 AM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 06:23 AM (IST)
भाकिसं ने की धान घोटाले के आरोपित पूर्व डीएम की गिरफ्तारी की मांग
भाकिसं ने की धान घोटाले के आरोपित पूर्व डीएम की गिरफ्तारी की मांग

जागरण संवाददाता, कैथल : हैफेड में करीब 16 करोड़ रुपये के धान घोटाले के आरोपित पूर्व डीएम की गिरफ्तारी को लेकर भारतीय किसान संघ(भाकिसं) की जिला स्तरीय बैठक हनुमान वाटिका में हुई। भाकिसं के पदाधिकारी डीसी डॉ. प्रियंका सोनी से भी मिले। उन्होंने कहा कि यह घोटाला सिर्फ कैथल में ही नहीं पूरे प्रदेश में हुए हैं। अगर इस मामले की गहराई से जांच की जाए तो हजारों करोड़ रुपये घोटाले पूरे प्रदेश में सामने आएंगे। इन घोटालों में अधिकारियों के साथ साथ नेताओं का संरक्षण भी रहा है।

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उन्होंने कहा कि 27 मार्च 2019 को मामला दर्ज होने के बावजूद अभी तक पूर्व डीएम सहित इस घोटाले में शामिल लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। संघ मांग करता है कि घोटाले में शामिल सभी आरोपितों को तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार किया जाए। इस मौके पर

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ऐसे दिया था घोटाले को अंजाम

हैफेड कैथल के पूर्व डीएम राजेश कुमार ने चावल 2018-19 में राइस मिलर्स को धान अलॉट करने में नियमों को ताक पर रखा। उन्होंने 10 प्राइवेट राइस मिलर्स को उनकी क्षमता से कहीं ज्यादा धान अलॉट किया। धान अलॉट करते समय मिलर्स के फिक्स डिपॉजिट को भी ध्यान में नहीं रखा गया। कुछ डिफाल्टर्स राइस मिलर्स को धान अलॉट किया गया। इसके अलावा धान को हजम करने वाले राइस मिलर्स के खिलाफ आदेश दिए जाने के बाद भी जानबूझकर कार्रवाई नहीं की। इस तरह से राइस मिलर्स मालिक ने करोड़ों का धान एजेंसी को नहीं लौटाया।

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धान खरीद में भी हुआ था घोटाला

संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि 2018 में धान खरीद में भी जमकर घोटाला हुआ था। सरकार सबकुछ जानते हुए भी अनजान बनी रही। किसानों के जे-फार्म जो हैं समर्थन मूल्य पर खरीद के काटे गए थे, लेकिन धान की खरीद समर्थन मूल्य से 100 से 200 रुपये प्रति क्विटल तक कम की गई थी। संघ ने कई बार प्रदर्शन और ज्ञापन देकर पूरे मामले को उजागर करने की मांग की। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री कर्ण देव कांबोज को भी ज्ञापन दिया, लेकिन नेताओं का संरक्षण प्राप्त था इसलिए अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

वर्जन: मामले की जांच की जा रही

अभी मामले की जांच की जा रही है। जांच पूरी होते ही दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

- कुलवंत सिंह, डीएसपी कैथल।


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