खबरदार! यहां पशुओं की भरमार
जागरण संवाददाता कैथल शहर और गांव की सड़कों पर बेसहारा पशुओं की भरमार है। चाह
जागरण संवाददाता, कैथल:
शहर और गांव की सड़कों पर बेसहारा पशुओं की भरमार है। चाहे शहर और गांव के किसी कोने में जा ले, वहीं पर बेसहारा पशु अक्सर झुंड बनाए रहते हैं। इससे वाहन चालकों को निकलने में परेशानी होती है। रात के समय ये पशु आराम करने के लिए रोड पर बैठे रहते है। रात को कई बार बेसहारा पशुओं के कारण सड़क दुर्घटना हो चुकी है। रात के अंधेरे में तो इनसे दुर्घटनाओं को खतरा बढ़ता जा रहा है। रात को कई बार पशु सड़क पर चलते हुए अचानक बीच में आ जाते हैं। जिससे वाहन चालकों को बड़ी कठिनाई से वाहन को कंट्रोल करना पड़ता हैं। शहर और गांव की कॉलोनियों में बेसहारा पशुओं की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है, लेकिन नगरपरिषद इन गोवंश को पकड़कर गोशाला और नंदीशाला में छोड़ने की जहमत नहीं उठा रहा है। गांव और शहर में 150 से अधिक संख्या में बेसहारा पशु सड़कों पर चारे-पानी की तलाश में भटकते फिर रहे हैं। यहां है सबसे ज्यादा विकट समस्या
करनाल रोड, ढांड रोड, जाखौली अड्डा अंबाला रोड, जींद रोड पर बेसहारा पशुओं की समस्या ज्यादा विकट समस्या है। बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ने से गांवों की गलियों से लोगों का निकलना मुश्किल हो रहा है। सांड कई बार गांव में पानी ले जाने वाली महिलाओं पर हमला कर देते है। शहर में घूम रहे बेसहारा पशु तितरम मोड़ तक पहुंच जाते है। यह शहर के सबसे व्यस्त मार्ग है। इसलिए बेसहारा पशु ट्रैफिक के लिए बड़ी बाधा साबित हो रहे हैं।
शहरवासी राजकुमार का कहना है कि सड़क पर आवारा पशु घूमते रहते हैं, जो कई बार अचानक वाहन चालकों के आगे आ जाते हैं, जिससे दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। नगर परिषद को इन पशुओं को सड़कों से हटाना चाहिए। वहीं जगह जगह बेसहारा पशुओं के कारण सड़कों पर घूमते ये पशु गोबर करते हैं, जिससे सफाई व्यवस्था भी बदहाल हो रही है। वर्जन-
गोशालाओं में नहीं है जगह
एमई राजकुमार का कहना है कि गोशाला में जगह नहीं होने के कारण टेंडर नहीं लग रहे है। गोशाला में जगह होगी तो टेंडर लगा दिया जाएगा।