निकासी न होने से तालाब बनी गांव बाबा लदाना की गलियां
गांव बाबा लदाना में गंदे पानी की निकासी नहीं होने से कुछ गलियां तालाब बनी हुई हैं। मुख्य सड़क से गांव को जोड़ने वाली गलियां बदहाल हैं। कई जगहों पर तो गलियों में नालियां तक नहीं हैं। बरसात होते ही कई दिनों तक गलियों में पानी जमा हो जाता है। ग्रामीण रमेश, सुरेंद्र, जसबीर, संजय, राजपाल, दीपक व मंशा राम ने बताया कि गांव में लंबे समय से पानी निकासी की समस्या बनी हुई है
जागरण संवाददाता, कैथल : गांव बाबा लदाना में गंदे पानी की निकासी नहीं होने से कुछ गलियां तालाब बनी हुई हैं। मुख्य सड़क से गांव को जोड़ने वाली गलियां बदहाल हैं। कई जगहों पर तो गलियों में नालियां तक नहीं हैं। बरसात होते ही कई दिनों तक गलियों में पानी जमा हो जाता है। ग्रामीण रमेश, सुरेंद्र, जसबीर, संजय, राजपाल, दीपक व मंशा राम ने बताया कि गांव में लंबे समय से पानी निकासी की समस्या बनी हुई है। कुछ गलियों को बने कई वर्ष का समय बीत चुका है, लेकिन आज तक इनकी सुध नहीं ली गई है।
ग्रामीण कई बार सरपंच और प्रशासनिक अधिकारियों को इस समस्या से अवगत करवा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं किया जा रहा। गलियों के किनारे कूड़े के ढेर लगे हैं। सफाई नहीं होने से कच्ची गलियों में गड्ढे बन गए हैं और दिनभर धूल उड़ती रहती है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें समस्याओं से छुटकारा दिलाया जाए।
बॉक्स, सुविधाओं से वंचित है गांव
गांव की आबादी 11 हजार से ज्यादा है। वहीं गांव की साक्षरता दर 90 प्रतिशत के करीब है। तीन से चार प्रतिशत ग्रामीण सरकारी और निजी क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इतना सब होने के बावजूद गांव सुविधाओं से वंचित है।
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ग्रामीणों को सता रहा
बीमारियां फैलने का डर
गलियों में जमा दूषित पानी के कारण कीचड़ जमा हो गया है। गंदे पानी से आ रही बदबू के कारण गलियों से निकलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों को डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारियां फैलने का डर सता रहा है। स्कूल के बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है।
- ग्रामीण बसाऊ राम।
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गांव में नहीं है सफाई
को लेकर कोई प्रबंध
गांव में सफाई को लेकर कोई प्रबंध किए गए हैं। जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर उठाए नहीं जा रहे हैं। गांव में जो सफाई कर्मचारी लगे हैं, वे भी पर्याप्त नहीं हैं। सफाई व्यवस्था को लेकर ग्रामीण कई बार अधिकारियों से भी मिल चुके हैं। इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।
- ग्रामीण विकास कुमार।
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