बैकों ने विष्णु ईटेबल्स की दूसरी यूनिट को किया सील, आग भी कारवाई
पंजाब नेशनल बैंक व यूको बैंक की चंडीगढ़ शाखा ने शहर की प्रमुख फर्म विष्णु ईटेबल्स की कुरूक्षेत्र रोड स्थित यूनिट को सील कर दिया है। कुछ दिन पहले ही दोनों बैंकों ने जींद रोड स्थित यूनिट को भी सील किया था। दोनों बैकों का फर्म की तरफ करीब 350 से 400 करोड़ रुपये बकाया है। इसमें पंजाब नेशनल बैंक का हिस्सा 200 करोड़ से ज्यादा है। 2017 में डिफाल्टर घोषित होने के बाद बैंकों की तरफ से फर्म के नाम अलग अलग समय पर 60 दिनों के अंदर भुगतान के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उसके बाद भी जब भुगतान नहीं किया गया तो बैंकों को प्रोपर्टी सील करने की कार्रवाई करनी पड़ी।
जागरण संवाददाता, कैथल : पंजाब नेशनल बैंक व यूको बैंक की चंडीगढ़ शाखा ने शहर की प्रमुख फर्म विष्णु ईटेबल्स की कुरूक्षेत्र रोड स्थित यूनिट को सील कर दिया है। कुछ दिन पहले ही दोनों बैंकों ने जींद रोड स्थित यूनिट को भी सील किया था। दोनों बैकों का फर्म की तरफ करीब 350 से 400 करोड़ रुपये बकाया है। इसमें पंजाब नेशनल बैंक का हिस्सा 200 करोड़ से ज्यादा है। 2017 में डिफाल्टर घोषित होने के बाद बैंकों की तरफ से फर्म के नाम अलग अलग समय पर 60 दिनों के अंदर भुगतान के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उसके बाद भी जब भुगतान नहीं किया गया तो बैंकों को प्रोपर्टी सील करने की कार्रवाई करनी पड़ी। चंडीगढ़ पीएनबी शाखा के प्रभारी सिद्धार्थ ने बताया कि आगे भी बैंक अपनी राशि को वसूल करने के लिए दुकानें व मकान किसी भी तरह की पोपर्टी को सील करने की कार्रवाई जारी रखेगा। इस मौके पर तहसीलदार छोटू राम, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक आरके कटारिया व सिविल लाइन थाना पुलिस कर्मचारी भी मौजूद थे। बॉक्स
30 करोड़ आढ़तियों का भी बकाया
विष्णु ईटेबल्स फर्म की तरफ कैथल की दोनों मंडियों के आढ़तियों का भी करीब 30 करोड़ बकाया है। जब कई वर्षों से राशि नहीं मिली तो आढ़तियों ने अगस्त महीने में फर्म के मालिक विष्णु भगवान मित्तल के घर के बाहर धरना शुरु कर दिया था। पांच दिनों तक धरने के बाद आढ़तियों उठ गए थे। इसे लेकर सिटी थाना में एक शिकायत दी गई थी। इसके बाद डीएसपी रामकुमार की अध्यक्षता में दोनों पक्षों की बैठक थाना में हुई। पुलिस ने शहर के दो प्रतिष्ठ व्यक्तियों को यह माममला निपटाने के लिए नियुक्त किया था, लेकिन फर्म मालिकों से बातचीत न होने पर आज तक भी मंडी आढ़तियों का भुगतान नहीं हो पाया है। -------------