राम मंदिर के लिए लड़ाई लड़ने वाले कारसेवकों को सम्मानित करेगी सभा
कैथल श्री सनातन धर्म सभा की ओर से शुक्रवार को 1990 और 1992 में राम मंदिर पर कार सेवा करने वालों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
जागरण संवाददाता, कैथल : श्री सनातन धर्म सभा की ओर से शुक्रवार को 1990 और 1992 में राम मंदिर निर्माण में भाग लेने वाले कारसेवकों को सम्मानित किया जाएगा। सभा के प्रधान रवि भूषण गर्ग ने बताया कि मंदिर के प्रांगण में कार्यक्रम होगा। जिले भर से करीब 200 कारसेवकों को भगवान श्रीराम की प्रतिमा, भगवा पगड़ी और पटका देकर सम्मानित किया जाएगा। पांच अगस्त को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या राम मंदिर निर्माण को लेकर भूमि पूजन किया था। मुख्य वक्ता के रूप में सह प्रांत प्रचारक सुरेंद्र कुमार पहुंचेंगे। इस मौके पर पवन गर्ग, बालमुकुंद गर्ग, मुकेश नरवानिया, नरेश गर्ग, रामकुमार शोरेवाले, चंद्रप्रकाश गोयल, रवि मित्तल, राकेश, सुनील गर्ग, सुरेश गोयल, राजेश मौजूद थे। बॉक्स
कारसेवकों ने किया था कड़ा संघर्ष
कारसेवक रवि भूषण गर्ग ने बताया कि 1990 में राम जन्म भूमि आंदोलन चला था। कार सेवा और मंदिर निर्माण को लेकर लोगों को प्रोत्साहित किया गया। उस समय यूपी में मुलायम सिंह की सरकार थी। विपरीत परिस्थितियों में कैथल जिले के 168 कार सेवक यूपी गए थे। उन्हें रास्ते में ही गोंडा रेलवे स्टेशन पर रोक लिया गया था। वहां से वे 168 किलोमीटर पैदल चलकर अयोध्या पहुंचे थे। उसके बाद सरयू तट पर दोबारा से उन्हें रोक लिया गया। वहां गोलीबारी में दो कार सेवकों की जान भी चली गई थी। विश्व हिदू परिषद के तत्कालीन अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिगल भी मौके पर पहुंच गए थे। उस समय स्थिति को देखते हुए आंदोलन को स्थगित कर दिया गया था। उसके बाद 1992 में दोबारा फिर जिले भर से 188 लोग अयोध्या पहुंचे थे। वहां पर विवादित ढांचे को गिरा दिया गया था। ढांचे को गिराकर चबूतरा बनाया गया और श्रीराम की मूर्ति स्थापित की गई थी। अब सभी लोगों के संघर्ष से राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। ---------