किसान आंदोलन की आड़ में कांग्रेस अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रही : अशोक गुर्जर
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह द्वारा होशियारपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में दिल्ली व हरियाणा में किसान आंदोलन के संदर्भ में दिए गए बयान के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुतला फूंका। अध्यक्षता भाजपा जिला अध्यक्ष अशोक गुर्जर ढांड ने की।
जागरण संवाददाता, कैथल : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह द्वारा होशियारपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में दिल्ली व हरियाणा में किसान आंदोलन के संदर्भ में दिए गए बयान के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुतला फूंका। अध्यक्षता भाजपा जिला अध्यक्ष अशोक गुर्जर ढांड ने की। कांग्रेस पार्टी के खिलाफ नारेबाजी की। भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने होशियारपुर के कार्यक्रम में कहा था कि किसान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा और दिल्ली में माहौल बिगाड़े पंजाब में नहीं, इस बयान से साफ है कि इस किसान आंदोलन में कांग्रेस का हाथ है। किसान आंदोलन की आड़ में कांग्रेस अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रही है और हरियाणा में अराजकता व दंगे फैलाना चाहती है। इससे भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शुरूआत से ही किसानों के धरने प्रदर्शनों को लेकर हरियाणा को निशाना बनाया जा रहा है। पंजाब में कोई विरोध नहीं किया जा रहा है। कांग्रेस किसानों को बरगला कर ऐसा माहौल पैदा करना चाहती है कि जिससे दंगे फैले। प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अरुण सर्राफ ने कहा कि कांग्रेस किसान विरोधी है। इस मौके पर जिला महामंत्री सुरेश संधू, राज रमन दीक्षित, कृष्ण पिलनी, शक्ति सौदा, हरी चंद जांगड़ा, ज्योति सैनी, वीना सेठी, संजीव राणा, आदित्य भारद्वाज, रमेश गुप्ता, देवेंद्र राणा एडवोकेट, देवी दयाल बरसाना, सुरेश क्योड़क, वीरेंद्र बत्रा, सतपाल भारद्वाज, संजीव कांगड़ा, संजीव दीक्षित व कपिल पांडे मौजूद थे।
किसान आंदोलन अब जन-जन का आंदोलन बन चुका : बूटा सिंह
सीवन (वि): पूर्व विधायक बूटा सिंह ने कहा कि सरकार को कृषि सुधार कानून रद करने ही पड़ेंगे। जिस तरह से बसताड़ा टोल पर लाठीचार्ज मामले में सरकार झुकी है, उससे किसानों की जीत हुई है। सरकार को अपनी हठधर्मिता को छोड़कर ये कृषि सुधार कानून रद कर देने चाहिए। बूटा सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन अब जन आंदोलन बन चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे लाख कोशिश कर ले, लेकिन अंत में सरकार को अपना हठ छोड़कर ये कृषि सुधार कानून वापस लेने होंगे।