रोडवेज बसों के लिए नहीं मिल रहे यात्री
परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक बसों में यात्रियों की संख्या के हिसाब से ही बसों का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत सोमवार को जिला के बस स्टैंड पर कुछ रोडवेज बसें अपने-अपने स्टैंड पर खड़ी होकर यात्रियों का इंतजार करती रही।
परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक बसों में यात्रियों की संख्या के हिसाब से ही बसों का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत सोमवार को जिला के बस स्टैंड पर कुछ रोडवेज बसें अपने-अपने स्टैंड पर खड़ी होकर यात्रियों का इंतजार करती रही। काफी देर तक भी इंतजार के बाद रोडवेज बसें नही चली तो बस में बैठे इक्का-दुक्का यात्री भी निजी वाहनों में सवार होकर गंतव्य की ओर चले गए। नौबत यहां तक भी आ गई कि रोडवेज परिचालकों को आवाजें लगा-लगाकर यात्रियों को बुलाना पड़ा। वही ऐसी स्थिति के चलते जिन यात्रियों ने रोडवेज विभाग में सफर करना था उन्हें अपने गंतव्य की ओर जाने के लिए इंतजार करना पड़ा। जानकारी के अनुसार रोडवेज बसें 30 से अधिक यात्री होने पर ही अपने गंतव्य की ओर जा सकेंगी। यदि 30 से कम यात्री होते हैं तो बसें नही जाएंगी।
प्रशासन करवा रहा मुनादी
कोरोना वायरस से बचाव के लिए जिला प्रशासन मुनादी करवा रहा है। मुनियादी करने वाले वाहन जिला के सभी सार्वजनिक स्थलों, गली- गली में जाकर मुनादी कर रहे है। मुनादी द्वारा आमजन को इस वायरस के प्रति सचेत रहने के लिए कहा जा रहा है। मुनादी में बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए हाथों को साबुन से धोना चाहिए। खांसते और छींकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिशू पेपर से ढ़ककर रखें। जिन व्यक्तियों में कोल्ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें। जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें। कोरोना के लक्षण फ्लू से मिलते-जुलते हैं। संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है।
कई सालों बाद घर में बिताया समय
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर लोगों ने जनता कर्फ्यू का पुरजोर से समर्थन किया। लोग पूरा दिन घरों पर ही रहे। बाजार बिल्कुल सुना रहा। इनमें से तो कई लोग ऐसे भी थे तो कामकाज के सिलसिले में हमेशा घर से बाहर ही रहते थे। ऐसे लोगों ने रविवार पूरा दिन घर में रहे। लोगों का कहना था कि जनता कर्फ्यू से कम से कम कई सालों बाद परिवार संग घर पर तो समय बिताया। रविवार को कई लोग सुबह देर से उठे। परिवार के लोगों के साथ पुरानी यादों को ताजा किया। परिवार के सभी लोगों ने एक साथ मिलकर सुबह का नाश्ता, दोपहर का लंच व रात का डिनर लिया। लोगों का कहना था कि प्रत्येक रविवार को ऐसा ही होना चाहिए कि सब कामकाज की बजाए मिलजुल कर एक साथ घर बैठे। इससे परिवार के लोगों में जहां आपसी प्यार बढ़ेगा वही आपस में रिश्ते भी मजबूत होंगे।
सोमवार को बाजार में रही कम भीड़
रविवार को लोगों द्वारा स्वयं लगाए गए जनता कर्फ्यू से अगले दिन सोमवार को बाजार में रौनक आम दिनों की अपेक्षा कम रही। पहले रविवार की छुट्टी के बाद अगले दिन सोमवार को बैंकों, डाकघरों व सरकारी कार्यालयों में लोगों की भारी तादाद उमड़ जाती थी लेकिन सोमवार को जिला के बैंकों व डाकघरों में आम दिनों की अपेक्षा कम ही लोग दिखाई दिए। इस मतलब साफ है कि लोग समझने लगे है कि जरूरी काम के लिए ही घर से बाहर निकला जाए। ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा जनता से किया गया आह्वान कही न कही सही नजर आ रहा है। लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत हुए है। यही हाल सड़कों का भी रहा। सड़कों पर भी आम दिनों की अपेक्षा कम ही वाहन दिखाई दिए।
प्रस्तुति-सोनू थुआ