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हिदू संस्कृति में यज्ञ से बढ़कर दूसरा कोई पुनीत कार्य नहीं

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By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 10:49 AM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 06:41 AM (IST)
हिदू संस्कृति में यज्ञ से बढ़कर दूसरा कोई पुनीत कार्य नहीं
हिदू संस्कृति में यज्ञ से बढ़कर दूसरा कोई पुनीत कार्य नहीं

संवाद सहयोगी, पूंडरी : आर्य समाज की ओर से पूंडरी की अनाज मंडी में 101 कुंडीय सत्य सनातन वैदिक संस्कृति रक्षा महायज्ञ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि डीएवी कॉलेज कमेटी नई दिल्ली के सचिव महेश चोपड़ा व मुख्य यज्ञमान के रूप में हलका विधायक प्रो. दिनेश कौशिक की धर्मपत्नी संध्या कौशिक ने शिरकत की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर डीएवी स्कूलों के निदेशक जेपी शूर व अध्यक्षता डीएवी स्कूल की प्रिसिपल साधना बख्शी की रही। जबकि आर्य प्रादेशिक प्रतिनिधि उप-सभा हरियाणा के प्रधान केएल खुराना व डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी भी इस मौके पर विशेष रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरूआत 101 हवन कुंडों पर बैठे 404 सपत्नी यज्ञमानो द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ हवन से की गई। हवन की प्रक्रिया पंडित राजन शास्त्री व आचार्य रविद्र शास्त्री द्वारा सम्पन्न करवाई गई। मुख्यातिथि महेश चौपड़ा ने कहा कि हिदू संस्कृति में यज्ञ से बढ़कर दूसरा कोई पुनीत कार्य नहीं है। उन्होंने सभी यज्ञमानों विशेषकर आर्य समाज पूंडरी को भारतीय नवसंवत्सर 2076 के मौके पर करवाए गए यज्ञ की बधाई दी और सभी से समय-समय पर यज्ञ करने का आह्वान भी किया। संध्या कौशिक ने कहा कि यज्ञ हमारी प्राचीन परंपरा है और हिदू संस्कृति में इसके महत्व को सभी जानते है। यज्ञ करने से हमारा वातावरण शुद्ध होता है, बल्कि हमारे अंदर के विकार भी नष्ट हो जाते हैं। आयोजक आर्य समाज के प्रधान जयपाल सैनी व महामंत्री अनिल आर्य ने सभी मेहमानों का स्वागत किया और समापन के मौके पर उन्हें स्मृति चिह्न देकर भी सम्मानित किया। यज्ञ के दौरान भजनोपदेशक जसविद्र आर्य ने अपने भजनों से यज्ञमानों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मौके पर डॉ. सतीश त्यागी, डॉ. देवेंद्र सैनी, डॉ. कपिल, डॉ. राजेश कुकरेजा, रूपेंद्र वालिया, योगेश उप्पल, हरीशलाल मौजूद थे।

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