सिविल अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही का आरोप
केवल खानापूर्ति हो रही है। मरीजों से मिलने तक नहीं दिया जा रहा है। स्टाफ भी काफी कम है इस कारण मरीजों का इलाज ठीक से नहीं हो पा रहा है। वार्ड में करीब 90 के करीब मरीज दाखिल हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल : जिला नागरिक अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए तीमारदारों ने रोष जताया। उनका कहना था कि यहां संक्रमितों को दाखिल तो किया जा रहा है, लेकिन कोई सुविधा नहीं दी जा रही। केवल खानापूर्ति हो रही है। मरीजों से मिलने तक नहीं दिया जा रहा है। स्टाफ भी काफी कम है, इस कारण मरीजों का इलाज ठीक से नहीं हो पा रहा है। वार्ड में करीब 90 के करीब मरीज दाखिल हैं।
तीमारदारों का आरोप है कि एक तरफ तो सरकार दावा कर रही है कि अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज बेहतर तरीेके से हो रहा है, लेकिन कैथल के सरकारी अस्पताल में सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। तीमारदार जब मरीज से मिलने की बात कहते हैं तो उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जाता। लोगों के विरोध की सूचना मिलने के बाद अस्पताल पुलिस चौकी व सिविल लाइन थाना से पुलिस कर्मचारी मौके पर पहुंचे। लोगों को समझाते हुए शांत किया। परिवार वालों का यह भी आरोप है कि वह अपने मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट करना चाहते हैं, लेकिन इसे लेकर भी अस्पताल प्रशासन उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है।
लापरवाही का वायरल हो चुका है वीडियो
जिला अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर बरती जा रही लापरवाही का वीडियो वायरल हो चुका है। इस वीडियो में बुजुर्ग महिलाएं फर्श पर बैठी हुई नजर आती है, वहीं एक व्यक्ति को बेड पर बांधकर इलाज किया जा रहा है। इस वीडियो को वायरल करने वाले व्यक्ति के खिलाफ ही पुलिस ने केस दर्ज कर दिया था, जिसे लेकर लोगों ने रोष जताया था। वहीं जिस व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया था, उसने विभागीय अधिकारियों को लीगल नोटिस भेजा था। लोगों का कहना है कि अस्पताल में दाखिल कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर आए दिन लापरवाही की बातें सामने आ रही है। सरकार व प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए समस्याओं को दूर किया जाना चाहिए।
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कार्यकारी पीएमओ डा. रेनू चावला ने बताया कि कोविड को देखते हुए उनके स्वजनों को वार्ड से बाहर जाने को कहा था। संक्रमित मरीजों के इलाज को लेकर स्टाफ को बढ़ाया गया है। इसमें वार्ड अटेंडेंट व नर्सो की संख्या बढ़ाई है। मरीजों के इलाज को लेकर कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है। गंभीरता से इलाज किया जा रहा है।