अजय चौटाला को षड्यंत्र कर पार्टी से निकाला
डॉ. अजय ¨सह चौटाला को षड्यंत्र के तहत इनेलो पार्टी से निकाला गया है। निष्कासन का जो पत्र अभय चौटाला दिखा रहे हैं, उस पर इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के हस्ताक्षर नहीं हैं। उस पत्र पर हस्ताक्षर फर्जी हैं। यह बातें इनसो के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजू ढुल पाई ने मीडिया सेंटर में पत्रकारों से कही।
जागरण संवाददाता, कैथल : डॉ. अजय ¨सह चौटाला को षड्यंत्र के तहत इनेलो पार्टी से निकाला गया है। निष्कासन का जो पत्र अभय चौटाला दिखा रहे हैं, उस पर इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के हस्ताक्षर नहीं हैं। उस पत्र पर हस्ताक्षर फर्जी हैं। यह बातें इनसो के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजू ढुल पाई ने मीडिया सेंटर में पत्रकारों से कही।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला, प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा व पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा की तिकड़ी ने यह साजिश अजय चौटाला परिवार के साथ रची है। चार साल से दुष्यंत व दिग्विजय चौटाला हरियाणा में पार्टी को मजबूत करने के लिए मेहनत की। उनकी बढ़ती हुई लोकप्रियता से घबराकर यह फैसला लिया गया है। यह साजिश भी चार साल से ही चल रही थी। अब 17 को जींद में होने वाले कार्यकर्ता सम्मेलन से घबराकर यह कार्रवाई की गई है। डॉ. अजय ¨सह चौटाला इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव थे और उन्हें प्रदेश के प्रधान महासचिव कैसे पार्टी से निष्कासित कर सकते हैं। निष्कासन से पहले 15 दिन का नोटिस भी देना होता है, जो नहीं दिया गया। इस मौके पर इनसो प्रदेश उपाध्यक्ष विशेष राविश, पूर्व मार्केट कमेटी चेयरमैन गुहला बच्चन ¨सह माजरी, सुनील नरड़, रामकुमार वाल्मीकि, शमशेर भागल मौजूद थे।
इनेलो के लिए की 40 साल मेहनत
इनेलो के पूर्व जिला प्रेस प्रवक्ता हरदीप पाड़ला ने कहा कि डॉ. अजय ¨सह चौटाला ने इनेलो के लिए 40 साल तक मेहनत की। अब उन्हें अपनी मेहनत का ऐसा फल मिल रहा है। 2013 में जब अजय चौटाला जेल में गए तो इनेलो के पास 32 विधायक थे। अभय चौटाला उस दौरान भी इनेलो की सरकार नहीं बना पाए। अब 15 विधायकों के साथ होने का दावा है तो कैसे सरकार बन सकती है।
इनसो कार्यकर्ताओं को कई बार धमकाया गया
राजू ढुल ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने कई बार इनसो कार्यकर्ताओं को कार्यक्रमों में धमकाया। 17 दिसंबर 2017 को उन्होंने पाई में एक सम्मेलन रखा, जिसमें दिग्विजय चौटाला को बुलाया था। 12 दिसंबर को उनके पास अभय चौटाला का फोन आया और उसे गालियां दी। सम्मेलन कैंसल करने के लिए कहा गया। उसके बाद अगस्त 2018 में स्थानीय आरकेएम पैलेस में उनको कार्यकर्ताओं के सामने धमकाया गया।