कृषि कानूनों में संशोधन की जरूरत थी, खत्म करने की नहीं : सुरेंद्र कुमार
संवाद सहयोगी पूंडरी गांव फतेहपुर में माता मनसा देवी मंदिर परिसर में भारतीय किसान संघ
संवाद सहयोगी, पूंडरी : गांव फतेहपुर में माता मनसा देवी मंदिर परिसर में भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों की बैठक हुई। अध्यक्षता प्रांतीय मंत्री गुलतान नैन ने की। दिल्ली हरियाणा के संगठन मंत्री सुरेंद्र कुमार ने कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य किसानों की फसलों का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य की पृष्ठभूमि बनानी है। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन में किसानों की बात कम और राजनीति ज्यादा थी। इस कारण से सही बात दब कर रह गई। देश के अधिकतर किसान संगठनों ने इसको सुधार के साथ लागू करने के पक्ष में देश के कोने-कोने से अहिसक आवाज उठाई। कुछ तथाकथित किसान संगठन इन कानूनों को वापस लेने के लिए अराजक, हिसक और राजनीतिक हठधर्मिता के साथ आगे बढ़े। सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कृषि कानूनों को वापस ले लिया। देश के सबसे बढ़े किसान संगठन किसान संघ ने कुछ संशोधनों के साथ लागू करने की अपनी आवाज बुलंद की थी। किसान संघ का मानना है कि ये कानून 90 प्रतिशत किसानों के हित में थे, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण संशोधन की जरूरत थी। किसान संघ पहले दिन से ही लागत के आधार पर समर्थन मूल्य की मांग करता आया है। 1939 में सर छोटू राम ने एक कानून पारित किया था, जिसका नाम पंजाब कृषि उपज बाजार कानून था। 1964 में तत्कालीन खाद्य एवं कृषि मंत्री सी सुब्रमण्यम ने एमएसपी का कानून बनाने की कोशिश की थी, इसका उद्देश्य तय कीमत पर किसानों से फसल खरीदने का था। इस मौके पर प्रांत प्रचारक सुरेंद्र लाल, प्रचारक महेंद्र सिंह, प्रांत उपाध्यक्ष मा. ईश्वर सिंह, प्रांत गोरक्षा प्रमुख रामकिशन आर्य, तेग सिंह राणा, सविता मोर, रामबीर चौहान, चांद राम, गुलशन अरोड़ा और सभी जिलों के जिलाध्यक्ष मौजूद थे।