नए चालक व परिचालक मिलने के बाद डिपो से 15 बसें अतिरिक्त दौड़ेगी
डिपो की तरफ से यात्रियों के लिए राहत भरी खबर हैं। नए चालक व परिचालक मिलने के बाद रोडवेज विभाग वर्कशॉप में खड़ी 15 बसों को चलाएगा। स्टाफ की कमी के कारण आठ महीनों से बसें वर्कशॉप में खड़ी है। अब बस बूथों व रूटों पर चलने के बाद यात्रियों की परेशानी दूर हो जाएगी।
जागरण संवाददाता, कैथल:
डिपो की तरफ से यात्रियों के लिए राहत भरी खबर हैं। नए चालक व परिचालक मिलने के बाद रोडवेज विभाग वर्कशॉप में खड़ी 15 बसों को चलाएगा। स्टाफ की कमी के कारण आठ महीनों से बसें वर्कशॉप में खड़ी है। अब बस बूथों व रूटों पर चलने के बाद यात्रियों की परेशानी दूर हो जाएगी।
बता दें कि कई रूटों पर बसों की कमी के कारण यात्री इंतजार में खड़े रहते थे। कामधंधों व कार्यालयों में आने जाने वाले यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही थी। बस चलने के बाद यात्रियों की समस्या से निजात मिल जाएगी।
चालकों की कमी के कारण
15 बसें खड़ी थी
डिपो में इस समय 140 बसें हैं। इनमें से 15 बस चालकों की कमी के चलते खड़ी हुई थी। 31 नए चालकों व 15 की भर्ती होने से जहां कर्मशाला में खड़ी सभी 140 बसें रोड पर चलने लग जाएगी। अमूमन बसों की कमी का असर अक्सर लोकल रूटों पर पड़ता रहा है। चालकों की कमी के कारण अधिकतर बसों की कटौती लोकल रूटों से ही की गई थी। अब सभी बसों के चलने के कारण जहां यात्रियों को समय पर बस सुविधा मिलेगी, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की शहर से कनेक्टिविटी अधिक होगी।
अब तक देखा जा रहा है कि कस्बों से शहर आने जाने वाली बसों के समय में दो से तीन घंटे का अंतर होता है। इससे यात्रियों को मजबूरन जान-जोखिम में डालकर अवैध वाहनों में यात्रा करनी पड़ रही है। सबसे अधिक परेशानी विद्यार्थियों विशेषकर छात्राओं को होती रही हैं।
आमदनी में होगा इजाफा
रोडवेज विभाग की 140 बसें चलने के बाद आठ से दस लाख के बीच आमदनी होगी। कोरोना काल से रोडवेज विभाग तीन से चार लाख तक ही कमाई कर रहा था। इससे विभाग को घाटा सहन करना पड़ रहा था। कुछ बसें चालकों की कमी के कारण खड़ी थी। इन बसों के चलने के बाद आमदनी में इजाफा होगा।
बसों की संख्या में वृद्धि की गई है
टीएम कमलजीत ने बताया कि चालक व परिचालकों के मिलने के बाद बसों की संख्या में बढ़ोतरी की है। इससे रोडवेज विभाग की आमदनी भी बढ़ेगी। पिछले कई महीनों से बस नहीं चलने के कारण विभाग को नुकसान हो रहा था। अब आमदनी बढ़ने लगी है।