अप्रैल में अप्रूवल मिलने के बाद अब किसानों को खेतों में दिए जा रहे ट्यूबवेल कनेक्शन
सरकार के आदेशों पर बिजली निगम ने इस वर्ष अप्रैल महीने में पिछले सात साल से इंतजार कर रहे किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन देने का फैसला लिया था।
जागरण संवाददाता, कैथल : सरकार के आदेशों पर बिजली निगम ने इस वर्ष अप्रैल महीने में पिछले सात साल से इंतजार कर रहे किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन देने का फैसला लिया था। इसके तहत जिले में भी किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन देने की प्रक्रिया डेढ़ महीना पहले ही शुरू हो चुकी है। हालांकि सरकारी आदेशों के तहत अभी तक महज 134 ट्यूबवेल कनेक्शन ही दिए गए हैं। जबकि पिछले सात सालों में बिजली निगम के कार्यालय ट्यूबवेल कनेक्शनों के अभी तक 4791 आवेदन लंबित है।
बता दें सरकार ने वर्ष 2014 में खेतों में दिए जाने ट्यूबवेलों कनेक्शनों को बंद कर दिया था। इन आवेदनों में से करीब एक हजार आवेदन ऐसे हैं, जो डार्क जोन एरिया से आए हैं। यह आवेदन तभी के जब क्षेत्र डार्क जोन में शामिल नहीं था। ऐसे में बिजली निगम के पास डार्क जोन में आए आवेदनों को लेकर अभी तक कोई निर्देश नहीं मिले हैं।
जिले में दो डार्क जोन है घोषित :
बता दें कि केंद्र सरकार की केंद्रीय टीम ने जिले में कुल दो खंडों को पानी के मामले में डार्क जोन घोषित किया है। इसमें गुहला और राजौंद खंड शामिल है। इन दोनों जगहों पर पानी की काफी किल्लत है। जिसके चलते निगम द्वारा ट्यूबवेल कनेक्शन दिए जाएंगे या नहीं, इस पर फैसला निगम द्वारा ही लिया जाएगा।
डिविजन के अनुसार यह है आवेदनों की स्थिति :
डिविजन आवेदन कनेक्शन दिए जा चुके
कैथल 3065 15 गुहला 310 97 पूंडरी 1416 22
बिजली निगम के पास जो आवेदन आए हैं। वह 2014 से लेकर 30 अप्रैल 2021 तक के हैं।
वरिष्ठता के आधार पर ही कनेक्शन जारी किए जा रहे
ट्यूबवेल कनेक्शन जारी करने के लिए उन सभी किसानों को नोटिस जारी किए गए है, जिन्होंने 2019 में कंसेंट मनी के रूप में 30 हजार रुपये जमा करवा रखे हैं। उन सभी किसानों को बिजली लाइन की लागत जमा करवाने के लिए कुछ समय दिया गया है। बिजली लाइन की लागत जमा करवाने की वरिष्ठता के आधार पर ही कनेक्शन जारी किए जा रहे हैं। डार्क जोन से आने वाले आवेदनों को स्वीकार नहीं किया जा रहा है। जो पहले के आवेदन है, उस पर सरकार विचार कर रही है, जैसे ही कोई आदेश जारी होंगे तो जानकारी दी जाएगी। बीएस रंगा, अधीक्षक अभियंता, उत्तर बिजली वितरण निगम, कैथल।