कोरोना के बाद अब डेंगू का खतरा बढ़ा
जिले में कोरोना महामारी का संक्रमण खत्म होने के बाद डेंगू का डंक तीखा होने लगा है। पिछले सप्ताह जहां मरीजों की संख्या दो थी वहीं अब बढ़कर सात हो गई है।
सुरेंद्र सैनी, कैथल : जिले में कोरोना महामारी का संक्रमण खत्म होने के बाद डेंगू का डंक तीखा होने लगा है। पिछले सप्ताह जहां मरीजों की संख्या दो थी, वहीं अब बढ़कर सात हो गई है। छह मरीज होम आइसोलेट हैं तो एक मरीज शहर के निजी अस्पताल में दाखिल है। अब तक शहर में पांच व ग्रामीण क्षेत्र में दो लोग डेंगू से बीमार मिले हैं। शहर के डोगरा गेट पर दो, प्रताप, गेट, सीवन गेट पर एक-एक- गांव हरसौला व बीरबांगड़ा सहित एक अन्य जगह पर डेंगू का केस मिला है। जहां-जहां डेंगू का केस मिला है, वहां स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दौरा करते हुए सर्वे किया गया है। बुखार से पीड़ित लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। लोगों को डेंगू से बचाव को लेकर जागरूक भी किया गया है। डेंगू कैसे फैलता है, क्या लक्षण हैं, इस तरह की सावधानी बरतनी हैं, इस बारे में स्वास्थ्य कर्मी लोगों को जानकारी दे रहे हैं।
मौसम में बदलाव के बाद डेंगू व मलेरिया के संदिग्ध लक्षण मिलने पर करवाया जा रहा सैंपल
मौसम में बदलाव के बाद जिला नागरिक अस्पताल में वायरल मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डेंगू व मलेरिया के संदिग्ध लक्षण मिलने पर सैंपल लिए जा रहे हैं। पुष्टि होने के बाद इलाज शुरू किया जा रहा है। डेंगू से बचाव को लेकर सक्षम युवा, आशा वर्कर व हेल्थ वर्करों की टीम गठित कर सर्वे किया जा रहा है। कूलर, फ्रीज, होदी, छतों पर रखा पुराना सामान, जैसे टायर, गमले अन्य कबाड़ में जमा बरसाती पानी, घरों के बाहर गड्ढों में ठहरे पानी में लारवा देखा जा रहा है। जहां लारवा मिलता है, वहां दवाई डालकर नष्ट किया जा रहा है। इसके साथ-साथ लोगों को घर के बाहर खड़े पानी में मिट्टी का तेल डालना या मिट्टी डालकर बंद करना, पानी के बर्तनों की नियमित रूप से सफाई करना, मच्छरों से बचाव को लेकर बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाना इस तरह की जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है। अब तक एक हजार से ज्यादा घर, प्रतिष्ठान व सरकारी विभागों में लारवा मिलने पर नोटिस जारी किया जा चुका है।
नहीं हो रही फोगिग, मच्छरों की भरमार
फोगिग को लेकर प्रशासन की तरफ से खानापूर्ति हो रही है। पहले यह कार्य स्वास्थ्य विभाग की तरफ से किया जाता था। तब फोगिग शहर व गांव में होती थी, लेकिन जब से यह कार्य पंचायत व नगर परिषद, पालिकाओं को दिया गया है तो खानापूर्ति तक सिमट गया है। कई पंचायतों के पास तो फोगिग करने के लिए मशीन तक नहीं है। ऐसे में फोगिग कैसे होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। कई जगह बरसाती पानी में मच्छरों की भरमार नजर आती है, जो डेंगू फैला सकते हैं। लोगों का कहना है कि यह कार्य पहले की तरफ स्वास्थ्य विभाग को ही दिया जाना चाहिए ताकि मच्छरों के डंक से लोग बच सकें।
जिले में किस साल कितने मिले डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया के केस
वर्ष डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया जापानी बुखार
2017 157 09 00 00
2018 31 03 00 00
2019 06 00 00 00
2020 114 00 00 00 वर्जन
जिला सिविल सर्जन डा. जयंत आहूजा ने बताया कि डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क है। लारवे की जांच को लेकर शहर व गांव में सर्वे चल रहा है। जहां लारवा मिलता है, वहां दवाई डालकर नष्ट किया जा रहा है। लोगों को डेंगू से बचाव को लेकर जानकारी दी जा रही है। लक्षण नजर आने के बाद लोग सिविल अस्पताल पहुंचकर जांच करवाएं। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें। अस्पताल में जांच व इलाज की निश्शुल्क सुविधा है।