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स्कूलों में फोर्टिफाईड आटा की सप्लाई करने के एडीसी ने दिए आदेश

एडीसी राहुल हुड्डा ने हैफेड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मिड-डे-मील योजना के तहत निर्धारित अवधि तक स्कूलों में फोर्टिफाईड आटा की सप्लाई सुनिश्चित करें। इस योजना के तहत खाना पकाने में गैस का प्रयोग भी अनिवार्य किया जाए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 09:30 AM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 09:30 AM (IST)
स्कूलों में फोर्टिफाईड आटा की सप्लाई करने के एडीसी ने दिए आदेश
स्कूलों में फोर्टिफाईड आटा की सप्लाई करने के एडीसी ने दिए आदेश

जागरण संवाददाता, कैथल :

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एडीसी राहुल हुड्डा ने हैफेड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मिड-डे-मील योजना के तहत निर्धारित अवधि तक स्कूलों में फोर्टिफाईड आटा की सप्लाई सुनिश्चित करें। इस योजना के तहत खाना पकाने में गैस का प्रयोग भी अनिवार्य किया जाए। योजना का लक्ष्य बच्चों में पोषण के स्तर को बढाकर स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। योजना के तहत विद्यार्थियों दोपहर के भोजन में खनिज मिश्रण व विभिन्न विटामिन दिए जाते हैं। एडीसी राहुल हुड्डा ने लघु सचिवालय स्थित कार्यालय में मिड-डे-मील योजना को लेकर अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बैठक में अनुपस्थित रहे अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने हैफेड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे दिसंबर माह के लिए दिसंबर के प्रथम सप्ताह में स्कूलों में फोर्टिफाइड आटा की सप्लाई सुनिश्चित करें। मिड-डे-मील योजना के तहत प्रथम कक्षा से 8वीं कक्षा तक के बच्चों को दोपहर का खाना उपलब्ध करवाया जाता है। जिला में 594 स्कूल में यह योजना चलाई जा रही है, जिनमें से 371 प्राथमिक एवं 224 अपर प्राथमिक विद्यालय हैं। जिला के सरकारी विद्यालयों में पढने वाले 42 हजार 268 प्राथमिक विद्यार्थियों एवं 30 हजार 31 अपर प्राथमिक विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। योजना के तहत फोर्टिफाईड आटा तथा चावल सरकार द्वारा सीधे विद्यालयों में भिजवाया जाता है। फोर्टिफाईड आटा में आयरन, फॉलिक एसिड एवं विटामिन बी12 होता है। फोर्टिफाइड आटा व चावल की सप्लाई हैफेड द्वारा की जाती है।

उन्होंने कहा कि योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिला स्तर पर निरीक्षण एवं निगरानी समिति का गठन किया गया है। इस समिति द्वारा विद्यालयों में जाकर मिड-डे-मील का निरीक्षण किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में मिड-डे-मील योजना के बारे में रिपोर्ट भेजने के लिए 2-2 अध्यापकों को प्रशिक्षित किया जाए ताकि हर रोज सूचना भेजी जा सके। जिला में इस योजना के तहत 1448 कुक कार्यरत हैं, जिनका वर्ष में 2 बार मेडिकल चेक अप करवाया जाता है। सरकार के निर्देशानुसार मिल्क पाउडर को भी मिड-डे-मील योजना के अंतर्गत शामिल कर लिया गया है। बच्चों को 200 मिली लीटर के हिसाब से दूध उपलब्ध करवाया जाता है। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी शमशेर सिंह सिरोही ने बिदुवार मिड-डे-मील योजना के क्रियांवयन की समीक्षा करवाई। उन्होंने कहा कि हैफेड द्वारा समय पर फोर्टिफाइड आटा स्कूलों को सप्लाई किया जाए तथा खाना पकाने में केवल गैस का ही प्रयोग किया जाए। मिड-डे-मील इंचार्ज द्वारा प्रतिदिन मिड-डे-मील खाने वाले बच्चों की संख्या भी पोर्टल पर भेजी जाती है। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के डॉ. बलविद्र सिंह, जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक विरेंद्र, डीपीसी सुदेश सिवाच, डाइट प्राचार्य दलीप सिंह, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी रोजी एवं सुरेंद्र शर्मा, महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी रेनू पसरीचा सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।


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