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मंडियों में अब तक 80 प्रतिशत तक पहुंच चुका अनाज, लेकिन लिफ्टिग मात्र 35 प्रतिशत

धीमा लदान होने के कारण मंडी में गेहूं इतना ज्यादा हो इकट्ठा गया है कि अब किसानों को जींद रोड बाइपास के साथ खाली पड़ी कच्ची जगह में फसल डालनी पड़ रही है। पूरी मंडी में गेहूं से भरी बोरियों और खुले में पड़ी फसल के ढेर लगे हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Apr 2019 06:40 AM (IST)Updated: Sun, 28 Apr 2019 06:40 AM (IST)
मंडियों में अब तक 80 प्रतिशत तक पहुंच चुका अनाज, लेकिन लिफ्टिग मात्र 35 प्रतिशत
मंडियों में अब तक 80 प्रतिशत तक पहुंच चुका अनाज, लेकिन लिफ्टिग मात्र 35 प्रतिशत

जागरण संवाददाता, कैथल : मंडी में गेहूं की आवक 80 प्रतिशत तक हो चुकी है, लेकिन लदान का कार्य अभी तक केवल 35 से 40 प्रतिशत तक हुआ है। किसान गेहूं लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन फसल लेकर मंडी में अंदर जाना तो दूर की बात बाहर भी फसल डालने को जगह नहीं मिल रही है। धीमा लदान होने के कारण मंडी में गेहूं इतना ज्यादा हो इकट्ठा गया है कि अब किसानों को जींद रोड बाइपास के साथ खाली पड़ी कच्ची जगह में फसल डालनी पड़ रही है। पूरी मंडी में गेहूं से भरी बोरियों और खुले में पड़ी फसल के ढेर लगे हुए हैं। जिले की तकरीबन सभी मंडियों में लदान के ऐसे ही हालात हैं। आढ़ती कई बार एजेंसियों के अधिकारियों को शिकायत कर चुके हैं, लेकिन फिर भी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। बारदाना का बना संकट :

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आढ़तियों का कहना है कि बारदाना को लेकर भी उनको दिक्कतें आ रही हैं। जिले की किसी न किसी मंडी में रोजाना आढ़ती व किसान इस परेशान को लेकर जाम लगाने और प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। उनका कहना है कि इस बार मंडियों में शुरू से ही बारदाना को लेकर दिक्कत बनी हुई है। जब एजेंसियों ने बारदाना उपलब्ध नहीं करवाया तो वे खुद अपने खर्च पर गेहूं भरने के लिए कट्टे खरीदने को मजबूर हैं। वहीं दूसरी ओर अधिकारियों का कहना है कि मंडियों में 75 से 80 प्रतिशत तक बारदाना दिया जा चुका है। लेकिन आढ़ती फिर भी बारदाना नहीं मिलने से रोष जता रहे हैं। मौसम की फेरबदल ने बढ़ाई चिंता

मौसम में रोजाना आ रहा बदलाव भी किसानों और आढ़तियों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। किसानों का कहना है कि अभी गेहूं काटने का कार्य पूरा नहीं हुआ है। पहले भी वे दो बार मौसम की मार झेल चुके हैं। अगर दोबारा बरसात होती है तो उन्हें इससे नुकसान होगा। दूसरी ओर आढ़तियों को मंडी में लगी गेहूं की ढेरियों को लेकर चिता सता रही है। उन्होंने बताया कि पहले भी पानी लगने से फसल खराब हो गई थी, अगर जल्द लदान नहीं होता है तो फिर से नुकसान हो सकता है। लदान में लाई जा रही तेजी, दो दिन तक दिया जाएगा पर्याप्त बारदाना :

जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक वरिदर सिंह ने बताया कि लदान के कार्य में तेजी लाई जा रही है। बारदाना करीब 80 प्रतिशत तक आढ़तियों के पास पहुंच चुका है। अगले दो दिनों तक पर्याप्त बारदाना उन्हें मिल जाएगा। आज भी बारदाना के ट्रक मंडियों में भेजे गए हैं।


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