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सरकारी कालेज के वाणिज्य संकाय में 80 में से 50 सीटें रह गई खाली

राजकीय महिला कालेज में उम्मीद के अनुरूप बुनियादी सुविधाएं न मिलने से छात्राएं संस्थान में प्रवेश लेने में कम रुचि ले रही हैं। करीब चार माह से कालेज परिसर में जल भराव का मुद्दा गहराया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 12:35 AM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 12:35 AM (IST)
सरकारी कालेज के वाणिज्य संकाय में 80 में से 50 सीटें रह गई खाली
सरकारी कालेज के वाणिज्य संकाय में 80 में से 50 सीटें रह गई खाली

संवाद सहयोगी, कलायत : राजकीय महिला कालेज में उम्मीद के अनुरूप बुनियादी सुविधाएं न मिलने से छात्राएं संस्थान में प्रवेश लेने में कम रुचि ले रही हैं। करीब चार माह से कालेज परिसर में जल भराव का मुद्दा गहराया है। इसके साथ ही कालेज को बस स्टैंड से जोड़ने वाले मार्ग पर इस बार नगर पालिका द्वारा बरसात के दिनों में कचरा डालकर स्थिति को बिगाड़ा गया है। हालांकि मामला जैसे ही जिला उपायुक्त प्रदीप दहिया के संज्ञान में पहुंचा तो उन्होंने नगर पालिका को मार्ग से कचरा हटाने के निर्देश दिए थे। वर्तमान में भी कालेज परिसर में जल भराव के कारण हालात खराब हैं। परिसर दलदल में तबदील है। पेड़-पौधे, घास और प्रकृति सुंदरीकरण की बुनियाद कालेज का पार्क तहस-नहस हो चुका है। आधुनिक भवन की दरकार छात्राओं को है। कलायत विधानसभा के इकलौते राजकीय श्री कपिल मुनि महिला कालेज में छात्राएं वाणिज्य संकाय में प्रवेश लेने में अपेक्षाकृत कम रुचि ले रही हैं। 80 सीटें निर्धारित की हुई हैं, जिनमें से 50 सीटें रिक्त हैं। प्रधानाचार्य राजेश कुमार सैनी ने बताया कि कालेज में कला संकाय में उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा 320 सीटें निर्धारित की गई। वाणिज्य संकाय में सीटों की संख्या 80 है। महिला मंत्री के आग्रह पर कालेज को दी एक करोड़ से अधिक की सौगात

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा के आग्रह पर एक करोड़ से अधिक का बजट कालेज कायाकल्प के लिए कुछ समय पहले जारी किया गया है। इसके तहत कालेज चारदीवारी, शौचालय, मुख्य प्रवेश द्वार, सिक्योरिटी कक्ष और दूसरे निर्माण पूरे किए जाने हैं। हालांकि इस सौगात के कारण कालेज में अपेक्षाकृत छात्राओं की संख्या बढ़नी थी। लेकिन जिस प्रकार स्थानीय स्तर पर सफाई, पानी निकासी और दूसरी बुनियादी सुविधाएं छात्राओं को नहीं मिल पाई उसने छात्राओं को कालेज से कहीं न कहीं दूर करने का काम किया।

वर्जन

पानी निकासी और संबंधित बुनियादी सुविधाओं को लेकर प्रयास जारी हैं। कालेज के ढांचे को सुदृढ़ किया जा रहा है। सरकार की नीति के अनुसार सुविधाएं जुटाई जा रही हैं।

राजेश सैनी, कालेज प्राचार्य।


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