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बाजार में 19 तरह की प्लास्टिक और 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पालीथिन बंद

सरकार के आदेशानुसार जिला प्रशासन की तरफ से सिगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उपायुक्त की तरफ से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर परिषद के अधिकारियों की टीम बनाई हुई है जो इस कार्य को देखेगी। नप कर्मचारियों की तरफ से एक जुलाई से बाजारों में चालान काटना शुरू कर दिया है। पहले ही दिन पांच दुकानदारों को 500-500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 05:27 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 05:27 PM (IST)
बाजार में 19 तरह की प्लास्टिक और 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पालीथिन बंद
बाजार में 19 तरह की प्लास्टिक और 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पालीथिन बंद

जागरण संवाददाता, कैथल : सरकार के आदेशानुसार जिला प्रशासन की तरफ से सिगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उपायुक्त की तरफ से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर परिषद के अधिकारियों की टीम बनाई हुई है, जो इस कार्य को देखेगी। नप कर्मचारियों की तरफ से एक जुलाई से बाजारों में चालान काटना शुरू कर दिया है। पहले ही दिन पांच दुकानदारों को 500-500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

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बता दें कि नप की तरफ से साल 2021 में करीब 58 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया था और साल 2022 में अब तक करीब 11 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया है। हालांकि प्रशासन की तरफ से दावा किया जा रहा है कि बाजार से सिगल यूज प्लास्टिक खत्म कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा आसानी से संभव नहीं होने वाला है। बाजार की हर दुकान पर पालीथिन मिल रहा है, ऐसे में इसे एकदम से बंद करना आसान नहीं होगा। अब होगी कार्रवाई

पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने सिगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को नियंत्रित करने के लिए 19 तरह के प्लास्टिक आइटम व 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पालीथिन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। इस नियम का उल्लंघन करने पर 500 रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। सिगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचने के लिए कपड़े का थैला या अन्य विकल्प अपनाने होंगे। प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने और वातावरण को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। उपायुक्त डा. संगीता तेतरवाल ने बताया कि सरकार एवं एनजीटी द्वारा प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट नियम 2016 को प्रभावी ढंग से लागू करने को कहा गया है। अवहेलना पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति या संस्थान के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई होगी। सिगल यूज प्लास्टिक को लेकर यह रहेंगे नियम

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि नए निर्देशों के तहत कैरीबैग की मोटाई 75 माइक्रोन से कम होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त पैकिग में इस्तेमाल होने के लिए प्लास्टिक से निर्मित मल्टीलेयर पैकेजिग की शीट की मोटाई 50 माइक्रोन से नीचे नहीं होनी चाहिए। गुटखा, पान मसाला या तंबाकू उत्पादों की भी प्लास्टिक निर्मित सैशे में भंडारण, पैकिग व बिक्री भी नहीं की जा सकेगी। इसी तरह 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाली प्लास्टिक स्टिक, ईयर बड्स, गुब्बारे, प्लास्टिक झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट के लिए थर्मोकाल, प्लास्टिक प्लेट कप, ग्लास, अन्य बर्तन जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, स्वीट बाक्स की रेपिग, निमंत्रण पत्र, सिगरेट पैक प्लास्टिक व पीवीसी बैनर पर भी प्रतिबंध रहेगा।


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