Move to Jagran APP

प्रदर्शन में भाग लेने आए 30 लोगों के लिए सौ पुलिस कर्मी तैनात

जागरण संवाददाता, कैथल : दो अप्रैल को भारत बंद के दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुए उपद्रव से सीख लेकर जिला प्रशासन दोबारा उस गलती को नहीं दोहराना चाहता। बुधवार को दलित समाज के लोगों को सीएम के नाम जिला प्रशासन को मांगों का ज्ञापन सौंपना था। सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन भी सतर्क हो गया। कोई अनहोनी ना हो जाए इसके लिए करीब 100 पुलिस कर्मचारी जिला सचिवालय में तैनात कर दिए गए। प्रशासन

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jun 2018 12:29 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2018 12:29 AM (IST)
प्रदर्शन में भाग लेने आए 30 लोगों के लिए सौ पुलिस कर्मी तैनात
प्रदर्शन में भाग लेने आए 30 लोगों के लिए सौ पुलिस कर्मी तैनात

जागरण संवाददाता, कैथल : दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुए उपद्रव से सीख लेकर जिला प्रशासन दोबारा उस गलती को नहीं दोहराना चाहता। बुधवार को दलित समाज के लोगों को सीएम के नाम जिला प्रशासन को मांगों का ज्ञापन सौंपना था। सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन भी सतर्क हो गया। कोई अनहोनी ना हो जाए इसके लिए करीब 100 पुलिस कर्मचारी जिला सचिवालय में तैनात कर दिए गए। डीएसपी सतीश गौतम को कमान सौंपी गई। यहां तक कि पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी मंगवा रखे थे। प्रदर्शन में भाग लेने के लिए सिर्फ 30 की लोग आए और उनके लिए प्रशासन को 100 कर्मचारी नियुक्त करने पड़े।

loksabha election banner

हालांकि पुलिस कर्मचारी सचिवालय के अंदर वाले गेट पर खड़े रहे और दलित समाज के लोग दूसरे गेट से चुपचाप एसडीएम को ज्ञापन देकर चले गए। जब पुलिस वालों को एसडीएम को ज्ञापन देने की बात पता चली तो उन्होंने भी राहत की सांस ली। महिला पुलिस कर्मचारियों को भी स्पेशल बुलाया गया था। किसी प्रकार की कोई चूक ना हो जाए इसके लिए आइबी और सीआइडी के कर्मचारी भी मौके पर मौजूद थे।

बॉक्स

एसडीएम को सौंपा मांगों का ज्ञापन :

हरियाणा दलित संघर्ष समिति के सदस्यों ने जिला सचिवालय में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद एसडीएम कमलप्रीत कौर को सीएम मनोहर लाल के नाम मांगों का ज्ञापन सौंपा। रामदिया चावरिया ने बताया कि दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान दलित समाज के लोगों केस दर्ज किए गए थे। आज तक भी सरकार ने उन केसों को वापस नहीं लिया है, जिससे समाज के लोगों में रोष है। एससी- एसटी एक्ट 1989 को दोबारा से बहाल किया जाए। भारत बंद के दौरान कैथल के आठ लड़कों को हिरासत में लिया गया था और केस भी दर्ज किया था। सरकार ने सभी केस वापस करने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक सभी लड़कों को पुलिस ने छोड़ा नहीं है। समाज के लोगों की सरकार व प्रशासन से मांग है कि जल्द से जल्द पूरे हरियाणा में जो भी केस दर्ज हुए हैं उन्हें वापस लेकर युवकों को रिहा किया जाए। इस मौके पर राममेहर, प्रीतम, सतबीर, ¨रकू, शिवकुमार, सुनील, बलजीत, राजेंद्र, रतन मौजूद थे।

वर्जन

दो अप्रैल के मामले में दलित समाज के लोग ज्ञापन सौंपने आए थे। इस दौरान कोई अनहोनी ना हो जाए इसलिए पुलिस बल तैनात किया गया था। प्रदर्शनकारी शांतिप्रिय तरीके से ज्ञापन देकर चले गए।

- सतीश गौतम, डीएसपी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.