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ट्रैक्टर चलाकर धरने पर पहुंचने वाली महिलाएं, गीतों व भजनों से कृषि कानूनों का जताया विरोध

बद्दोवाल टोल प्लाजा पर चल रहे 25वें धरने पर सोमवार को किसान महिला दिवस मनाया गया। जिसमें महिलाओं का भारी जन समूह उमड़ा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 09:00 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 09:00 AM (IST)
ट्रैक्टर चलाकर धरने पर पहुंचने वाली महिलाएं, गीतों व भजनों से कृषि कानूनों का जताया विरोध
ट्रैक्टर चलाकर धरने पर पहुंचने वाली महिलाएं, गीतों व भजनों से कृषि कानूनों का जताया विरोध

संवाद सूत्र, नरवाना : बद्दोवाल टोल प्लाजा पर चल रहे 25वें धरने पर सोमवार को किसान महिला दिवस मनाया गया। जिसमें महिलाओं का भारी जन समूह उमड़ा। विभिन्न गांवों से महिलाएं खुद ट्रैक्टर चलाकर पहुंची, जिससे किसान महिला दिवस सफल होता दिखाई दिया। मंच संचालन गांव दनौदा की डिपल ने किया। गांव बद्दोवाल, सच्चाखेड़ा, बेलरखां, गुरुसर, भीखेवाला, ईस्माइलपुर, दनौदा, बडनपुर, डिडोली, फरैण खुर्द, फरैण कलां, सिंहमार पत्ति नरवाना, मोरपत्ति नरवाना सैकड़ों की संख्या में पहुंची। गांवों से आई महिलाएं दामन-कुर्ता पहने हुए थी। जिन्होंने भजनों व गीतों पर नाच-गाकर सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। गांव बेलरखां से आई महिला सन्नी ने कृषि कानूनों और किसानों की हालत पर अपनी बात रखी। गांव बद्दोवाल की बेटी मंजू ने भारत माता पर गीत गाकर तालियां बटोरी, गुरुसर से प्रीति, ईस्माइलपुर से कंकन मोर ने भाषण दिया। महिलाओं ने कहा कि ये तीन कृषि कानून को वे किसी भी तरह से लागू नहीं होने देंगे, चाहे इसके लिए उनको कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। महिलाओं ने कहा कि यह आंदोलन कितना भी लंबा क्यों न चले, वे पीछे हटने वाली नहीं हैं। गांवों से ट्रैक्टर चलाकर आने वाले महिलाओं को बद्दोवाल टोल संघर्ष समिति द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। जिसमें गांव गुरुसर से प्रीति, दबलैन से कविता, कमलजीत, माया, ईस्मालपुर से निर्मला, भीखेवाला से भतेरी, सुनीता, चांदनी, बेलरखां से अंगूरी, डूमरखां कलां से मानसी तथा दनौदा से रेखा शामिल थी।

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सरपंच एसोसिएशन ने धरने को दिया दान

बद्दोवाल टोल प्लाजा पर धरने पर नरवाना सरपंच एसोसिएशन के प्रधान सुखदेव सैंथली तथा ब्लॉक उझाना सरपंच एसोसिएशन के प्रधान देवेंद्र मंटा के साथ विभिन्न गांवों के सरपंच पहुंचे और किसान आंदोलन को समर्थन दिया। गांव रसीदां के सरपंच देवेंद्र मंटा ने कहा कि उनका किसान आंदोलन के लिए चल रहे धरने को समर्थन है। जिसके लिए दोनों ब्लॉकों के सरपंच धरने को निजी कोष से चंदा देते हैं।


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