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सड़कों से सफेद पट्टी गायब, बिना रिफ्लेक्टर के दौड़ रहे वाहन

धुंध का सीजन शुरू होने वाला है लेकिन प्रशासन की तैयारियां अधुरी हैं। जिले में अधिकतर सड़कों से सफेद पट्टी गायब है। प्रशासन की तरफ से मार्गों पर सफेद पट्टी लगाने का कार्य तक शुरू नहीं किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 06:20 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 06:20 AM (IST)
सड़कों से सफेद पट्टी गायब, बिना रिफ्लेक्टर के दौड़ रहे वाहन

जागरण संवाददाता, जींद : धुंध का सीजन शुरू होने वाला है, लेकिन प्रशासन की तैयारियां अधुरी हैं। जिले में अधिकतर सड़कों से सफेद पट्टी गायब है। प्रशासन की तरफ से मार्गों पर सफेद पट्टी लगाने का कार्य तक शुरू नहीं किया है। जिले में सड़कों पर कई डेंजर पॉइंट्स ऐसे हैं। जहां पर सांकेतिक बोर्ड या तीव्र मोड़ पर स्पीड ब्रेकर तक नहीं है। यही नहीं कई सड़कों पर सफेद पट्टी तक नहीं लगी हुई है या जो लगी हैं, वह धुंधली हो चुकी हैं। ऐसी हालात में धुंध के सीजन में सड़क हादसों में वृद्धि होगी। अभी तक जिला रोड सेफ्टी कमेटी की बैठक तक नहीं हुई है। इसके अलावा शहर में स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं। यहां तक कि नेशनल हाईवे पर भी अंधेरा छाया रहता है। कटों पर भी कोई व्यवस्था नहीं। ऊपर से सड़कों में खतरनाक गड्ढे व मोड़ बने हुए हैं, लेकिन जिला प्रशासन गंभीर नहीं है। इनसे निपटने के लिए कोई तैयारी भी नहीं की जा रही।

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लकीर पीटती रहती है पुलिस

पुलिस प्रशासन द्वारा धुंध के मौसम में यातायात नियमों की अवहेलना के कारण होने वाले सड़क हादसों को रोकने के लिए जनवरी माह में जागरूकता अभियान चलाया जाता है। लेकिन जिस समय यातायात पुलिस द्वारा यह अभियान चलाया जाता है, उस समय सर्दी का मौसम अंतिम चरण में होता है। ऐसे में यातायात पुलिस के जागरूकता अभियान का कोई लाभ नहीं मिल पाता है। इस प्रकार यातायात पुलिस सांप निकलने के बाद लकीर पीटने वाला काम करती है।

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रात को निकलते हैं सड़कों पर

भूसा ढोहने वाले ट्रैक्टर-ट्रालियों पर रिफ्लेक्टर नहीं लगे होते हैं और न ही इन पर इंडीकेटर होता है। दिन के सयम इन ट्रैक्टर-ट्रालियों को सड़क पर निकलते वक्त काफी परेशानी होती है और यह जाम का कारण बनते हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए चालक ज्यादातर रात को चलते हैं, जो हादसों का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा रोडवेज की बसों पर भी बिना रिफ्लेक्टर चलती देखी जा सकती है। शहर में आटो, ट्रैक्टर-ट्राली, मैक्सी कैब, ट्रक आदि ऐसे सैकड़ों वाहन शहर की सड़कों पर देखे जा सकते हैं, जिन पर फोग लाइट, रिफ्लेक्टर आदि नहीं लगे हुए हैं और ये वाहन अपने हिसाब से तीव्र गति से सड़कों पर दौड़ रहे हैं।


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