बिना बीमा के थमे जींद डिपो की 30 बसों के पहिये
इंश्योरेंस के अभाव में जींद डिपो की 30 बसों के पहिये थम गए हैं जिस कारण यह बसें रूटों पर दौड़ने के बजाय वर्कशॉप में ही खड़ी धूल फांक रही हैं। इससे जनता को बेहतर सर्विस मिलने में परेशानी आ रही है।
जागरण संवाददाता, जींद : इंश्योरेंस के अभाव में जींद डिपो की 30 बसों के पहिये थम गए हैं, जिस कारण यह बसें रूटों पर दौड़ने के बजाय वर्कशॉप में ही खड़ी धूल फांक रही हैं। इससे जनता को बेहतर सर्विस मिलने में परेशानी आ रही है। जितनी बसें चल रही हैं, उनकी मेंटेनेंस भी सही से नहीं हो पा रही।
लॉकडाउन से पहले तक जींद डिपो के पास 105, नरवाना सब डिपो में 28, सफीदों सब डिपो में 28 बसें थी। लेकिन लॉकडाउन के दौरान कुछ बसें कंडम घोषित करने के बाद आफ रूट हो गई। इससे जब अनलॉक के बाद बसें चलनी शुरू हुई तो शुरूआत में कम बसें ही चली, इसलिए ज्यादा परेशानी नहीं आई लेकिन अब यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है, इस कारण बसों की कमी महसूस होने लगी है। जींद डिपो के पास अब केवल 88 बसें बची हैं, इनमें से भी 15 बसें बीमा नहीं होने के कारण खड़ी हो गई हैं। बीमा नहीं होने पर अगर कोई बस किसी रूट पर चलती है तो गाज चालक पर गिर सकती है।
बीमा खत्म होने से 30 बसें हुई आफ रूट
जींद डिपो की 15 और नरवाना तथा सफीदों सब डिपो की भी 15 बसों का बीमा खत्म होने के बाद उन्हें वर्कशॉप में खड़ा कर दिया गया है।अकेले जींद डिपो की करीब 73 बसें फिलहाल विभिन्न रूटों पर चल रही हैं । इतनी ही रोटेशन हैं, और इतनी ही बसें चल रही हैं। जो भी बस किसी रूट से आती है, आते ही उसे दूसरे रूट पर भेज दिया जाता है। इससे बसों का सही तरीके से मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा। मेंटेनेंस नहीं होने के कारण कई बार बसें बीच रास्ते खराब हो जाती हैं।
पहले डिपो लेवल पर होता था इंश्योरेंस
दरअसल बसों का बीमा समय पर नहीं हो पाने का एक कारण यह भी है कि पहले बीमा डिपो लेवल पर होता था। वर्कशॉप की पीएमए ब्रांच द्वारा ही बीमा करवाया जाता था लेकिन अब मुख्यालय लेवल पर बीमा होता है। इस कारण बीमा में देरी हो रही है।
मुख्यालय को भेजा पत्र : जीएम
जींद डिपो के जीएम बिजेंद्र हुड्डा ने कहा कि जिन बसों का बीमा खत्म हो गया है, उन बसों का बीमा करवाने के लिए मुख्यालय को पत्र लिखा गया है। जल्द ही इन बसों का बीमा हो जाएगा। विभाग का प्रयास है कि यात्रियों को बेहतर सुविधा मिले। इसके अलावा बसों का मेंटेनेंस भी ठीक से किया जा रहा है।