अंडरपास की मंजूरी नहीं मिलने पर मिट्टी हटाकर रास्ता बनाने पहुंचे किलाजफरगढ़ के ग्रामीण
जींद-रोहतक मार्ग पर किलाजफरगढ़ गांव में अंडरपास की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना लगातार 35 दिनों से चला हुआ है।
संवाद सूत्र, जुलाना : जींद-रोहतक मार्ग पर किलाजफरगढ़ गांव में अंडरपास की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना लगातार 35 दिनों से चला हुआ है। ग्रामीणों ने प्रशासन को अल्टीमेटम दिया था कि अगर 10 अक्टूबर तक समाधान नहीं हुआ, तो 11 अक्टूबर को ग्रामीण खुद मिट्टी को हटाकर स्कूली बच्चों के लिए रास्ता बनाएंगे। सोमवार को सुबह ही ढोल के साथ गांव में मुनादी करवाई गई कि सभी ग्रामीण महिलाओं सहित गांव के अस्पताल में धरना स्थल पर पहुंचे। मुनादी कराने के बाद महिलाओं और ग्रामीणों की धरनास्थल पर लाइन लग गई। सूचना पाकर एसडीएम दलबीर सिंह, डीएसपी धर्मबीर खर्ब, नायब तहसीलदार प्रतीक कुमार और जुलाना थाना प्रभारी समरजीत भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तथा ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण नहीं माने और डीसी को मौके पर बुलाने पर अड़ गए। ग्रामीणों और अधिकारियों की जद्दोजहद तीन घंटे तक चली। ग्रामीणों ने कहा कि बच्चों को जान जोखिम में डालकर सड़क को पार करके स्कूल जाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। हाईवे का निर्माण चल रहा है। कई बार स्कूल के आगे अंडरपास की मांग को लेकर उच्चाधिकारियों से भी गुहार लगाई गई। कई बार तो स्कूल जाते समय बच्चों के साथ हादसे भी हो चुके हैं।
ग्रामीणों की मांग है कि जींद रोहतक मार्ग पर स्कूल के पास अंडरपास बनाया जाए। प्रशासन ने 10 अक्टूबर तक समाधान नहीं किया, तो सोमवार को ग्रामीण जेसीबी और ट्रैक्टरों के साथ धरना स्थल पर पहुंचे। लेकिन 10 बजे से पहले ही प्रशासनिक अमला गांव में पहुंचा और तीन घंटे की जद्दोजहद के और डीसी व प्रोजेक्ट डायरेक्टर से ग्रामीणों की बात कराने के बाद एक सप्ताह में समाधान के बाद ही ग्रामीण माने। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, धरना जारी रहेगा।
स्कूल में जाते समय बच्चों को जींद रोहतक मार्ग को पार करके ही स्कूल जाना पड़ता है जिससे लगातार बच्चों पर खतरा मंडराता रहता है। ग्रामीणों की मांग है कि स्कूल के आगे जींद रोहतक मार्ग पर अंडरपास बनाया जाए।
कुलदीप सिंह, निवर्तमान सरपंच किलाजफरगढ़
ग्रामीणों की गांव में स्कूल के रास्ते के लिए अंडरपास बनाए जाने की मांग है। ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया है कि डीसी और एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्ट से ग्रामीणों का एक दल मिलेगा और समस्या का समाधान करवाया जाएगा। ग्रामीण सहमत हो गए और मिट्टी को नहीं हटाया गया।
दलबीर सिंह, एसडीएम