Move to Jagran APP

केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह बोले- फौजी रोज थोड़े मरते हैं, एक करोड़ दिलवाऊंगा

केंद्रीय इस्पात मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह ने कहा कि फौजी रोज थोड़े मरैं सैं। एकाधा मरै सै, इसलिए हरियाणा सरकार से कहूंगा कि 50 लाख रुपये की जगह एक करोड़ रुपये दिए जाएं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 29 Sep 2018 06:33 PM (IST)Updated: Sun, 30 Sep 2018 08:49 AM (IST)
केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह बोले- फौजी रोज थोड़े मरते हैं, एक करोड़ दिलवाऊंगा
केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह बोले- फौजी रोज थोड़े मरते हैं, एक करोड़ दिलवाऊंगा

जेएनए, जींद। सर्जिकल स्ट्राइक दिवस पर युद्ध स्मारक के पास हुए समारोह में केंद्रीय इस्पात मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह का बयान शहीद वीरांगनाओं को चुभ गया। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि फौजी रोज थोड़े मरैं सैं। एकाधा मरै सै, इसलिए हरियाणा सरकार से कहूंगा कि 50 लाख रुपये की जगह एक करोड़ रुपये दिए जाएं।

loksabha election banner

बीरेंद्र सिंह इसी बात के साथ अपना भाषण समाप्त कर चले गए। उनके निकलते ही शहीद वीरांगनाओं ने उनके खिलाफ भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि फौजी कुत्ते-बिल्ले थोड़े सैं, जो रोज मरेंगे। फौजी तो देश पर शहीद होता है। मंत्री अपने बच्चों को बॉर्डर पर भेजें, तब उनको पता चलेगा। म्हारे बरगां का नाश होण लाग रा सै। मंत्री म्हारे बालक पाल देवैंगे के।

इससे पहले बीरेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने फौजियों को वन रैंक वन पेंशन की बड़ी राहत दी है। उनकी सास स्व. कर्नल की पत्नी हैं, जिन्हें पहले 53 हजार रुपये पेंशन मिलती थी। अब वन रैंक वन पेंशन के बाद 84 हजार मिलते हैं। यह एक उदाहरण है कि फौजियों को बड़ी राहत मिली है। इस मौके पर सुरेंद्र बरवाला, डॉ. ओपी पहल, जवाहर सैनी, शिव नारायण शर्मा, एडीसी मुनीष नागपाल, सीटीएम सत्यवान मान, मा. नरेंद्र गोगल, स्वामी राघवानंद आदि मौजूद थे।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.