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तूफान से पेड़ टूटे, खंभे गिरे, गांवों की बिजली बंद

मानसून की पहली बारिश आफत लेकर आई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 05:53 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 05:53 PM (IST)
तूफान से पेड़ टूटे, खंभे गिरे, गांवों की बिजली बंद
तूफान से पेड़ टूटे, खंभे गिरे, गांवों की बिजली बंद

जागरण संवाददाता, जींद: मानसून की पहली बारिश आफत लेकर आई। इससे राहत का इंतजार करने वालों को निराशा हुई। तेज आंधी-तूफान के कारण जिलेभर में करीब दो हजार बिजली के खंभे गिर गए और करीब 20 हजार पेड़ टूट गए। बिजली के पोल गिरने से पूरे जिले की बिजली गुल हो गई। पेड़ टूटने के कारण दोपहर तक जींद से सफीदों, गोहाना मार्ग सहित कई लिक मार्ग बंद रहे। जिलेभर में माल का काफी नुकसान हुआ। जान के नुकसान की रविवार शाम तक कोई सूचना नहीं थी। तेज तूफान से जिलेभर में कई जगह टीन की छतें भी उड़ गई। घरों और दुकानों की छत पर लगी पानी की टंकियां भी आंधी में उड़ गई।

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बिजले के खंभे गिरने से शहर और गांवों में बिजली सप्लाई शुरू करने के लिए दिनभर बिजली कर्मचारी लगे रहे। रविवार शाम तक शहर के कई हिस्सों में बिजली नहीं आई थी। शाम तक जींद सर्कल के 42 से केवल 24 पावर हाउस ही शुरू हो सके और 18 बंद पड़े थे। इस कारण जिले के आधे यानी करीब 150 गांवों में बिजली सप्लाई बंद पड़ी है। सफीदों डिविजन के आठ और जींद और नरवाना डिविजन के पांच-पांच पावर हाउस बंद हैं। एसई श्यामबीर सैनी ने बताया कि ज्यादातर शहरी एरिया की सप्लाई शुरू हो गई है। पहले गांवों की सप्लाई चालू की जाएगी, उसके बाद खेतों की बिजली सप्लाई शुरू की जाएगी। खेतों में पानी भरा होने के कारण परेशानी आ रही है। जहां धान लगा है, उस खेत में बिजली कर्मियों के जाने का विरोध कर रहे हैं। तेज आंधी के दौरान ज्ञान तारा रोड स्थित लकड़ी आरे की छत उड़ गई और पड़ोस में मकान जा गिरी। डीसी आवास की भी बिजली गुल

डीसी कालोनी में बिजली का पोल टूट गया। इससे पूरी कालोनी के साथ-साथ डीसी आवास की बिजली भी गुल रही। जिसके कारण डीसी डा. आदित्य दहिया दोपहर तक रविवार को अवकाश होने के बावजूद लघु सचिवालय में अपने कार्यालय में बैठे रहे। गांवों में घरेलू और खेतों में ट्यूबवेल की सप्लाई बाधित रही। पेड़ टूटने के कारण रोहतक रोड, गोहाना रोड, सफीदों रोड, हांसी रोड के अलावा सभी लिक मार्ग बाधित रहे। पेड़ों को हटाकर रास्तों को खोला गया। शहर में भी लघु सचिवालय, डीआरडीए में काफी पेड़ टूट गए। नगर परिषद के कर्मचारियों ने पेड़ों को हटाकर रास्ता साफ किया। दूसरी तेज आंधी के कारण कई छतों के टीन उड़ गए। बस स्टैंड के सामने पीडब्ल्यूडी कालोनी की खेतों के साथ लगती चहारदीवारी भी तेज आंधी के कारण गिर गई।

बिघाना में 7 मकान गिरे, कटड़ी-भैंस की मौत, जींद-कैथल रोड रहा बंद

पेड़ गिरने से मुख्य मार्गों से लेकर लिक मार्ग तक रास्ता बाधित हो गया। वाहनों को दूसरे मार्गों से होकर गुजरना पड़ा। जींद से कैथल मार्ग पर भी काफी संख्या में पेड़ गिर गए। इस कारण जींद से कैथल, पंचकूला की तरफ जाने वाली बसें मुख्य मार्ग की बजाय डाहौला, छात्तर, थुआ होकर किठाना से होते हुए कैथल तक पहुंची। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा और समय भी काफी ज्यादा बर्बाद हुआ। एक गांव को दूसरे गांव से जोड़ने वाले कई रास्तों पर पेड़ गिरने के कारण दोपहर तक रास्ता पूरी तरह से बाधित रहा। दोपहर बाद ग्रामीणों की सहायता से रास्ते खेाले गए और उसके बाद ही वाहनों की आवाजाही शुरू हो पाई। वहीं बिघाना गांव में सात लोगों के मकान गिरने के अलावा पेगां और थुआ गांव के तीन किसानों की अंधड़ में बाहर बंधी कटड़ी और भैंस की मौत हो गई है। खेतों की सप्लाई शुरू होने में लगेगा समय

अलेवा : तूफान के कारण पेड़ टूटकर सड़क के बीचों-बीच गिरने से क्षेत्र से होकर गुजरने वाले जींद-कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र और अलेवा ढाठरथ मार्ग पर दोपहर तक आवागमन बाधित रहा। तेज अंधड़ के कारण पोल टूटने व ट्रांसफार्मर गिरने से नगूरां बिजली निगम के अंर्तगत लगने वाले अलेवा 33 केवी, शामदों, खेड़ी बुल्लां, बधाना, नगूरां, श्रीराग राग खेड़ा समेत बिजली घरों से लगने वाले सभी 22 गांवों व खेतों की बिजली सप्लाई ठप्प हो गई। बिजली सप्लाई ठप होने के कारण अगले तीन से चार दिनों तक खेतों की सप्लाई आने की उम्मीद कम है। बिजली निगम नगूरां के एसडीओ कुलदीप सिंह के अनुसार बिजली निगम सब डिविजन से लगने वाले सभी 55 बिजली फीडरों की सप्लाई पोल टूटने और ट्रांसफार्मर गिरने से बंद पड़ी है। खटकड़ में टोल प्लाजा का शेड उड़ा, टूटे सिग्नल

उचाना : हाईवे पर खटकड़ गांव के पास बने टोल प्लाजा को तूफान से काफी नुकसान हुआ है। यहां पर आने-जाने वाले वाहन चालकों के आवागमन के लिए बनाए गए सिग्नल, टोल प्लाजा पर बने शेड सहित अन्य सामान टूटकर दूर जाकर गिरे। जब तूफान आया, उस समय कैबिन में कर्मचारी मौजूद थे। जिन्होंने भागकर अपनी जान बचाई। टोल के मैनेजर समीर ने बताया कि बड़ा हादसा होने से बच गया। नुकसान का अभी आंकलन किया जा रहा है कितना नुकसान तूफान से हुआ है। वहीं मकानों की छतों पर व खेतों में लगे सौर ऊर्जा पैनल भी उड़ गए। बुजुर्ग रामस्वरूप, प्यारेलाल, खुजांची, रमेश, रामकुमार ने बताया कि तूफान तो पहले भी खूब आए। लेकिन बारिश के साथ ऐसा तूफान नहीं देखा। जींद, सफीदों व अलेवा में टूटे ज्यादा पेड़, आरओबी पर जाम

वन मंडल अधिकारी रोहताश बिरथल ने बताया कि शनिवार रात आया तूफान टोरनाडो की तरह था। देशी भाषा में बंबूला था और तेज तूफान में पेड़ टूटकर घूम गए थे। जींद, सफीदों, अलेवा सहित गोहाना रोड पर ज्यादा पेड़ टूटे। जींद से नरवाना, भिवानी व रोहतक रोड को छोड़कर ज्यादा सड़क मार्ग दोपहर तक बंद रहे। जींद से सफीदों मार्ग दोपहर बाद खुल पाया। हांसी व करनाल भी बंद रहे। वन विभाग ने दस जेसीबी मशीन लगाकर पेड़ हटवाए। रविवार शाम तक कई लिक मार्गों से पेड़ नहीं हट सके थे। जींद-हांसी रोड पर मिल्क प्लांट के सामने पुल से टेनरी मोड़ के बीच में पेड़ गिरने से पुल पर भी जाम लग गया। यहां इतनी हुई बारिश

जींद : 25 एमएम

जुलाना : 31 एमएम

नरवाना : 30 एमएम

उचाना : 20 एमएम

अलेवा : 20 एमएम

पिल्लूखेड़ा : 12 एमएम

सफीदों : 5 एमएम

मकान या फसल के नुकसान की सूचना तहसीलदार को दें : डीसी

डीसी डा. आदित्य दहिया ने बताया कि जिलेभर में तूफान से माल का काफी नुकसान हुआ है। जान के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। अगर किसी के मकान या फसल को तूफान से नुकसान पहुंचा है, तो इसकी सूचना संबंधित तहसीलदार को दें। उनके नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को लिखा जाएगा। जिले में काफी बिजली के पोल टूटे हैं।


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