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कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरी ट्रेड यूनियनें

अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी परिसंघ के आह्वान पर शुक्रवार को देश व प्रदेश में सभी ट्रेड यूनियनों द्वारा संयुक्त रुप से तहसील व जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किए गए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 09:19 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 09:19 AM (IST)
कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरी ट्रेड यूनियनें
कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरी ट्रेड यूनियनें

जागरण संवाददाता, जींद : अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी परिसंघ के आह्वान पर शुक्रवार को देश व प्रदेश में सभी ट्रेड यूनियनों द्वारा संयुक्त रुप से तहसील व जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किए गए। इसमें हरियाणा कर्मचारी महासंघ के अलावा केंद्रीय ट्रेड यूनियन सीटू, इंटक, सर्व कर्मचारी संघ, रिटायर कर्मचारी संघ समेत दूसरी यूनियनों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कर्मचारी महासंघ के जिला प्रधान व एचएसईबी वर्कर यूनियन के राज्य वरिष्ठ उपप्रधान कृष्ण नैन, राज्य सचिव जयवीर जुलानी, जिला सचिव बीरबल शर्मा, जींद डिपो प्रधान अनूप लाठर, सीटू के शीलक राम, सर्व कर्मचारी संघ के संदीप ढांडा, इंटक के बिजेंद्र सिंह, पीटीआई संघ के वरिष्ठ राज्य उपाध्यक्ष वजीर गंगोली ने कहा कि भाजपा की खट्टर सरकार ने 1983 पीटीआई को सुप्रीम कोर्ट की आड़ में हटा दिया गया। इनमे से 38 अध्यापकों की विधवाओं की पेंशन बंद करवा दी। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो कर्मचारी वर्ग इस कोरोना जैसी महामारी में अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी से निभा रहा है, वहीं दूसरी तरफ विभिन्न सरकारी विभागों का निजीकरण व छंटनी करने में सरकार जुटी है। गत 28 अप्रैल को मुख्यमंत्री के साथ हरियाणा कर्मचारी महासंघ पदाधिकारियों की हुई वार्ता में सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया था कि प्रत्येक कर्मचारी की नौकरी सुरक्षित रखी जाएगी। इसलिए वह सरकार से मांग करते हैं कि इस निजीकरण को तुरंत प्रभाव से रोका जाए व नौकरी से हटाए गए पीटीआई टीचर को तुरंत समायोजित किया जाए। 1995 से पहले की एक्सग्रेशिया नीति को बहाल किया जाए, पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए, सभी कच्चे कर्मचारियों को पॉलिसी के तहत पक्का किया जाए, सभी सरकारी विभागों में वर्कलोड के हिसाब से नई भर्तियां की जाएं। इसके आद कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया और बाद में एसडीएम को मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर वीरेंद्र गोयत, सुरेश खासा, जसवीर चहल, पवन राजना, कृष्ण चहल, सीताराम पांचाल, अनिल पूनिया, वेद शर्मा, हीरामल, जितें‌र्द्र, राजबीर अत्री, सुरेंद्र मान, अजीत नेहरा, राजकुमार रधाना, राजवीर ढिल्लो, कर्मवीर, परवीन सैनी, रामनिवास फोर मौजूद रहे।

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