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हेल्थ कार्ड बनने में लग रहा समय, दूसरे दिन भी स्कूलों में पहुंचे कम छात्र

हेल्थ कार्ड नहीं बना होने के कारण दूसरे दिन मंगलवार को भी स्कूलों में छात्र संख्या कम रही। सुबह 15 से 20 प्रतिशत छात्र ही स्कूल आए। कुछ स्कूलों में तो इससे भी कम छात्र संख्या रही। छात्र नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर हेल्थ कार्ड बनवा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Dec 2020 06:56 AM (IST)Updated: Wed, 16 Dec 2020 06:56 AM (IST)
हेल्थ कार्ड बनने में लग रहा समय, दूसरे दिन भी स्कूलों में पहुंचे कम छात्र
हेल्थ कार्ड बनने में लग रहा समय, दूसरे दिन भी स्कूलों में पहुंचे कम छात्र

जागरण संवाददाता, जींद : हेल्थ कार्ड नहीं बना होने के कारण दूसरे दिन मंगलवार को भी स्कूलों में छात्र संख्या कम रही। सुबह 15 से 20 प्रतिशत छात्र ही स्कूल आए। कुछ स्कूलों में तो इससे भी कम छात्र संख्या रही। छात्र नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर हेल्थ कार्ड बनवा रहे हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मेडिकल ऑफिसर को स्वास्थ्य की जांच कर हेल्थ कार्ड देने हैं, लेकिन जिले भर में मेडिकल ऑफिसर के आधे से ज्यादा पद रिक्त होने के कारण काफी जगह मेडिकल ऑफिसर तैनात नहीं हैं। जिस कारण दिक्कत आ रही हैं।

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10वीं व 12वीं कक्षा में 40 हजार से ज्यादा विद्यार्थी हैं। अगले सप्ताह नौवीं और 11वीं कक्षाएं भी लगेंगी। ऐसे में इतने बड़े स्तर पर विद्यार्थियों की मेडिकल जांच कर हेल्थ कार्ड देने में काफी समय लगेगा। अब स्वास्थ्य विभाग इस काम में एमपीएचडब्ल्यू (बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मी) को लगाने पर विचार कर रहा है, जिसके लिए मुख्यालय से गाइड लाइन मांगी जाएगी।

हेल्थ कार्ड की वजह से आ रही दिक्कत को लेकर जींद प्राइवेट स्कूल संघ मंगलवार को डीसी डा. आदित्य दहिया से मिला। स्कूल संचालकों ने कहा कि हेल्थ कार्ड नहीं बनने से विद्यार्थी स्कूल नहीं आ पा रहे हैं। इसलिए कक्षाएं नहीं लगा पा रहे हैं, जिससे बोर्ड की कक्षाओं की पढ़ाई प्रभावित होने से विद्यार्थियों को नुकसान होगा। डीसी ने स्कूल संचालकों को हेल्थ कार्ड बनाने के लिए उचित व्यवस्था कराने का आश्वासन दिया।

विद्यार्थियों को तापमान जांच कर बैठाया

नरवाना के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षक जसवंत ने बताया कि उनके स्कूल में 10वीं व 12वीं कक्षा में करीब 300 विद्यार्थी हैं। जिनमें से मंगलवार को केवल 20 विद्यार्थी ही हेल्थ कार्ड के साथ पहुंचे। बाकी विद्यार्थी हेल्थ कार्ड बनवा रहे हैं। निजी स्कूलों का भी यही हाल है। निजी स्कूलों में सुबह काफी विद्यार्थी बगैर हेल्थ कार्ड के पहुंचे। शिक्षकों ने उन विद्यार्थियों का तापमान चेक करते हुए बैठा लिया। लेकिन उन्हें जल्द हेल्थ कार्ड बनवाने के लिए कहा गया है।

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वर्जन

प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विद्यार्थियों के हेल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं। मेडिकल ऑफिसर ही स्वास्थ्य की जांच कर हेल्थ कार्ड जारी कर रहे हैं। विद्यार्थियों का थर्मल स्कैनर से तापमान जांच कर और बुखार या अन्य कोई लक्षण तो नहीं है, ये जांच कर हेल्थ कार्ड देना है। इस काम में एमपीएचडब्ल्यू की भी ड्यूटी लगाने पर विचार कर रहे हैं।

डा. पालेराम, डिप्टी सिविल सर्जन, नागरिक अस्पताल जींद


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